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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के विधायक और मंत्री लक्ष्‍मी रतन शुक्‍ला ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार का मंत्री पद छोड़ दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी. पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के भाजपा ज्‍वाइन करने के कुछ ही दिनों के बाद 39 वर्षीय शुक्‍ला के बंगाल के खेल राज्‍य मंत्री पद छोड़ने से अटकलों का दौर शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही माह का समय है। इन चुनावों में ममता बनर्जी के नेतृत्‍व वाली टीएमसी के लिए भाजपा कठिन चुनौती पेश कर रही है। सुवेंद्र अधिकारी जैसे पूर्व सहयोगी के भाजपा के साथ जुड़ने के कारण ममता बनर्जी और उनकी मुश्किलों में इजाफा हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता अमित शाह ने कहा है, 'चुनाव आने के समय तक दीदी (ममता बनर्जी) अकेली रह जाएंगी।'

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लक्ष्‍मी रतन शुक्‍ला ने मंत्री पद से अपना इस्‍तीफे का लेटर सीएम ममता के भेजा है, इसकी एक कॉपी राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ को भी भेजी गई है।

कोलकाता: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीतारम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर विधानसभा चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। इसके साथ-साथ सीतारम येचुरी ने साफ कर दिया है कि बंगाल चुनाव में वाम-कांग्रेस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सत्ता विरोधी वोटों को भाजपा की ओर जाने से रोकना होगा। मार्च 2019 के बाद सीताराम येचुरी पहली बार एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता पहुंचे हुए थे।

दो दिवसीय बैठक के सोमवार दोपहर खत्म होने के बाद येचुरी ने कहा कि सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ कुछ शुरुआती चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और टीएमसी की ओर से बंगाल की राजनीति में ध्रुवीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों पर ध्रुवीकरण सूट करता है। किसान आंदोलन पर बात करते हुए येचुरी ने कहा कि केंद्र की नीतियों के खिलाफ असंतोष का महौल बंगाल में भी है। उदाहरण के लिए, बंगाल में किसानों की धान की कीमत 1250 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है जबकि खरीद मूल्य 1880 रुपए निर्धारित है।

कोलकाता: कृषि कानूनों के मसले पर सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत सोमवार को खत्म हो गई। इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही और राजनीति तेज हो गई है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  आज राज्य के किसानों को भरोसा देते हुए कहा कि वह विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कि मैं किसानों के पक्ष में हूं और इन तीन बिलों को वापस लेने की मांग करती हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की राजनीतिक मंशा स्पष्ट है और इसीलिए वे इसे वापस नहीं ले रहे हैं।

बता दें कि पांच राज्य की विधानसभाओं ने अब तक केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इससे पहले केरल विधानसभा ने गुरुवार को प्रस्ताव पारित किया जिसे सदन के सभी 140 सदस्यों ने समर्थन दिया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में पीएम-किसान सम्मान निधि योजना लागू करने के लिए तैयार हो गई हैं। उन्होंने इस मामले पर सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों का ब्योरा दे जिन्होंने इस बाबत आधिकारिक वेबसाइट पर खुद का पंजीकरण कराया है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई के महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी दाव आजमाने की तैयारी कर रही है। इसके चलते ओवैसी रविवार को ममता बनर्जी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने वाले सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की शरण में जा पहुंचे।

रविवार को पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने हाल के महीनों में सत्तारूढ़ पार्टी के सबसे मुखर आलोचक के रूप में उभरने वाले अब्बासुद्दीन सिद्दीकी से हुगली में मुलाकात की। दो घंटे की बैठक के बाद, ओवैसी ने कहा कि बंगाल में हमारी पार्टी सिद्दीकी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। वही यह तय करेंगे कि एआईएमआईएम कैसे चुनाव लड़ेगी। इस बारे में सिद्दीकी ने अभी इस बारे में अपनी योजना का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अपने अगले कदम की जल्द घोषणा करेंगे।

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