कोलकाता: कृषि कानूनों के मसले पर सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत सोमवार को खत्म हो गई। इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही और राजनीति तेज हो गई है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राज्य के किसानों को भरोसा देते हुए कहा कि वह विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कि मैं किसानों के पक्ष में हूं और इन तीन बिलों को वापस लेने की मांग करती हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की राजनीतिक मंशा स्पष्ट है और इसीलिए वे इसे वापस नहीं ले रहे हैं।
बता दें कि पांच राज्य की विधानसभाओं ने अब तक केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इससे पहले केरल विधानसभा ने गुरुवार को प्रस्ताव पारित किया जिसे सदन के सभी 140 सदस्यों ने समर्थन दिया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में पीएम-किसान सम्मान निधि योजना लागू करने के लिए तैयार हो गई हैं। उन्होंने इस मामले पर सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों का ब्योरा दे जिन्होंने इस बाबत आधिकारिक वेबसाइट पर खुद का पंजीकरण कराया है।
किसान और केंद्र सरकार के बीच 8 जनवरी को एक बार फिर होगी वार्ता
किसान और केंद्र सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा होने के बाद एक बार फिर अब 8 जनवरी को बैठक बुलाई गई है। बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों के साथ तीनों कानूनों पर सिलसिलेवार चर्चा करना चाहते थे।
लेकिन हमलोग कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि किसान तीनों कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। तोमर ने कहा कि आज की वार्ता के बाद हमें उम्मीद है कि अगली वार्ता के दौरान हम जरूर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।