ताज़ा खबरें
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के मंत्रियों से विश्वभारती विश्वविद्यालय के बेदखली आदेश के विरोध में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के शांति निकेतन स्थित आवास के बाहर धरना देने को कहा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। कैबिनेट की एक बैठक के दौरान, बनर्जी ने एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्यम) मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा को इस विरोध का नेतृत्व करने के लिए कहा, जिसमें शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम शामिल होंगे।

ममता बनर्जी ने उनसे कहा कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीन पर कब्जा करने के लिए बुलडोजर भी भेजे, तो भी वे वहां से नहीं हटें। अधिकारी के अनुसार, बनर्जी ने मंत्रियों से कहा कि जिले के लोक कलाकारों को भी प्रदर्शन में शामिल करना चाहिए और वहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बेदखली के अपने आदेश में अमर्त्य सेन को छह मई तक या 19 अप्रैल के प्रकाशित आदेश के 15 दिनों के अंदर भूमि को खाली करने को कहा है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच अब एनआईए करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा और दलखोला जिलों और अन्य हिस्सों में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच एनआईए को स्थानांतरित कर दी है।

बंगाल के हावड़ा, हुगली व डालखोला में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) जांच का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को इस हिंसा की जांच से जुड़े सभी दस्तावेज एनआइए को सौंपने का निर्देश दिया है।

भाजपा विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में रामनवमी पर हुई हिंसा की एनआइए जांच की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि राज्य में कई जगहों पर रामनवमी पर निकली शोभायात्राओं पर हमला हुआ था। आगजनी, तोड़फोड़ व मारपीट की घटनाएं भी हुई थी।

जनहित याचिका में, अधिकारी ने हिंसा की एनआईए जांच की मांग करते हुए यह आरोप लगाया था कि कई इलाकों में बम विस्फोट भी हुए थे।

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दफ़न शव को कब्र से निकालकर कोलकाता लाया जाए और उसका पोस्टमार्टम किया जाए। फैजान अहमद का शव पिछले साल 14 अक्टूबर को संस्थान के छात्रावास के एक कमरे से मिला था।

कॉलेज प्रशासन ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था। लेकिन अहमद के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है। वहीं कल कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरी बार पोस्टमार्टम "सच्चाई तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक है।"

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा, "पीड़ित के शव को असम में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया गया है। पीड़ित फैजान अहमद के शव को खोदकर निकालने का आदेश दिया जाता है।" मामले में जांच अधिकारी असम पुलिस के साथ समन्वय करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शव या अवशेषों को बाहर निकाला जाए, राज्य पुलिस द्वारा कोलकाता लाया जाए और नए सिरे से पोस्टमार्टम किया जाए।"

कोलकाता: बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में मंगलवार को नाबालिग लड़की की मौत के मामले को लेकर लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे।

बता दें कि कलियागंज में लोगों ने इस मामले में शामिल आरोपी की गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन किया।

देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पथराव किया। लोगों ने पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की और संपत्तियों व वाहनों में आग लगा दी। साथ ही लोगों ने पुलिस स्टेशन में भी आग लगाने की कोशिश की।

इसके बाद, पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इलाके में इस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

मंगलवार को यह घटना उस वक्त हुई जब रायगंज में भाजपा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करने के पहुंचे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख