नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के कुछ ही घंटों बाद एक बार फिर समन जारी कर दिया। जांच एजेंसी ने अभिषेक बनर्जी से मंगलवार को पेश होने के लिए कहा है। बनर्जी को सीबीआई की तरफ से भेजे गए समन के बाद एक बार फिर संभावना है कि विपक्षी दलों और केंद्र की मोदी सरकार के बीच टकराव बढ़ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 13 अप्रैल के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस को स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ के इस निर्देश पर भी रोक लगा दी कि तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और मामले में आरोपी कुंतल घोष से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई पूछताछ कर सकती हैं और यह ‘‘पूछताछ जल्द की जानी चाहिए।''
बताते चलें किबंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को पिछले साल जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था। ईडी मामले में मनी ट्रेल का पता लगा रही है। इस मामले में शिक्षा विभाग के कई अधिकारी और कुछ स्थानीय तृणमूल नेताओं पर शिकंजा कसा गया है।
विपक्षी नेताओं ने पीएम को लिखा था पत्र
गौरतलब है कि रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने शराब नीति बनाने में कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में गवाह के तौर पर पूछताछ की थी। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार झूठे मामलों के साथ जानबूझकर केंद्रीय एजेंसियों को उनके पीछे भेज रही है।
विपक्षी नेताओं की तरफ से लिखे गए पत्र के बा पीएम मोदी ने सीबीआई के एक कार्यक्रम में एजेंसी से कहा था कि भ्रष्टाचार से लड़ने में किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। पीएम मोदी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि देश आपके साथ है। अपने भतीजे को सीबीआई के समन की रिपोर्ट आने से पहले बनर्जी ने कहा कि जब-जब विपक्षी दल 2024 के चुनाव को लेकर एकजुट होने की बात करते हैं केंद्र सरकार की तरफ से उनके घर सीबीआई को भेजा जाता है।