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कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान भड़की हिंसा की घटनाओं और हावड़ा जिले के उलुबेरिया I ब्लॉक में निर्वाचन अधिकारी द्वारा दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया है। जस्टिस अमृता ने चुनाव से पहले नामांकन के दौरान हुई हिंसा मामले में मतदान से एक दिन पहले सात जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव में तैनाती के लिए 24 घंटे में 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के कर्मियों की मांग करने का निर्देश दिया है।

जानकारी के मुताबिक, दो याचिकाकर्ता जोकि उम्मीदवार हैं, उन्होंने ब्लॉक के पंचायत चुनाव रिटर्निंग अधिकारी के खिलाफ आरोप लगाया है। उन्होंने याचिका में दावा किया है कि संबंधित अधिकारी ने नामांकन दाखिल करते समय उनके द्वारा दायर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की थी। याचिकाकर्ताओं के वकील सब्यसाची चटर्जी ने अदालत में कहा कि दोनों उम्मीदवार ओबीसी-ए श्रेणी के हैं।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा मामले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों में दखल देने से इंकार किया। इस फैसले से ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को झटका लगा है। हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, क्योंकि राज्य एक ही दिन में सभी सीटों पर चुनाव करा रहा है। इन परिस्थितियों में हम पाते हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि चुनाव कराना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव जमीनी स्तर के लोकतंत्र की पहचान है। हिंसा के माहौल मे चुनाव नहीं कराया जा सकता। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित किए जाने चाहिए। इससे पहले चुनाव हिंसा मामले में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव मामले में राज्य चुनाव आयोग की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। राज्य चुनाव आयोग की ओर से वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय बलों की तैनाती का मुद्दा है। राज्य में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इस मामले पर जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। राज्य चुनाव आयोग ने कोलकाता हाइकोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान पूरे राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

"राजनीतिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी": राज्यपाल

वहीं इस मामले में बीजेपी नेता सुवेन्दु अधिकारी ने कैविएट दाखिल की है। कैविएट के जरिए सुवेन्दु अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करता है तो बिना उनके पक्ष को सुने आदेश पारित ना किया जाए।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पंचायत चुनाव के दौरान कुछ जिलों में केंद्रीय बलों की नियुक्ति का आदेश दिया था। वहीं बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पंचायत चुनाव से संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य निर्वाचन आयोग राजीव सिन्हा को शनिवार को राजभवन बुलाया है।

क्या है कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश

पंचायत चुनाव में हिंसा की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती और नामांकन की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेस का इस्तेमाल करना चाहिए।

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