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कोलकता: तृणमूल कांग्रेस ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए डेरेक ओब्रायन, डोला सेन, सुखेंदु शेखर रे, समीरुल इस्लाम, प्रकाश चिक बड़ाईक और साकेत गोखले की उम्मीदवारी की घोषणा की। डेरेक ओब्रायन 2011 से सांसद और राज्यसभा में टीएमसी के नेता हैं। जबकि सुखेंदु शेखर रे को साल 2012 में पहली बार संसद के ऊपरी सदन में भेजा गया था। डोला सेन साल 2017 में सांसद बनी थी।
टीएमसी ने इसकी जानकारी ट्विटर के जरिए देते हुए उम्मीदवारों को शुभकामनाएं भी दी। सूची में नए उम्मीदवारों में बांग्ला संस्कृति मंच के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम टीएमसी के अलीपुरद्वार जिला अध्यक्ष प्रकाश चिक बड़ाइक और आरटीआई कार्यकर्ता और टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले शामिल हैं।
डेरेक ओब्रायन, सुखेंदु शेखर रे और डोला सेन के अलावा कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, असम से टीएमसी नेता सुष्मिता देव और दार्जिलिंग नेता शांता छेत्री का भी कार्यकाल खत्म होगा। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिंहो फलेरियो के अप्रैल में टीएमसी के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद पश्चिम बंगाल में सातवीं राज्यसभा सीट भी खाली है।
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कोलकता: पश्चिम बंगाल में 19 जिलों के 696 बूथों पर सोमवार सुबह 7 बजे पुनर्मतदान जारी है। यहां हिंसा के बीच करीब 18 लोगों की मौत के बाद पंचायत चुनाव के लिए मतदान रद्द घोषित कर दिया गया था। हर बूथ पर राज्य पुलिस के अलावा चार केंद्रीय बल के जवान तैनात होंगे। जिन जिलों में पुनर्मतदान हो रहा है, उनमें हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 175 बूथ हैं, इसके बाद मालदा में 112 बूथ हैं।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव वाले दिन जमकर हिंसा हुई थी। आज 696 बूथों पर फिर मतदान हो रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली पहुंचे हैं, जो गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। राज्यपाल हिंसा की रिपोर्ट अमित शाह को सौंप सकते हैं।
पश्चिम बंगाल के जिन जिलों में पुनर्मतदान की घोषणा की गई, उनमें सबसे ज्यादा मुर्शिदाबाद में 175 बूथ हैं, इसके बाद मालदा में 112 बूथ हैं। हिंसा प्रभावित नादिया में 89 बूथों पर पुनर्मतदान होगा, जबकि उत्तर में और दक्षिण 24 परगना जिलों में 46 और 36 बूथों और अन्य जगह पर पुनर्मतदान होगा। कुल 697 बूथों पर मतदान होना है।
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नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने रविवार को कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद राज्य चुनाव आयोग ने ऐसे बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को कोई जानकारी नहीं दी।
बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मांगी थी, लेकिन सात जून को छोड़कर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्हें केवल ऐसे बूथों की संख्या के बारे में बताया गया, लेकिन उनके स्थान या किसी अन्य जानकारी के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ की तैनाती स्थानीय प्रशासन के आदेश पर की गई थी। उन्होंने कहा, चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आज पंचायत चुनाव हो रहे हैं। चुनाव में हिंसा की आशंका के बीच भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इसके बावजूद अभी तक पंचायत चुनाव में अलग-अलग जगह हुई हिंसक झड़प में 11 लोगों की मौत की खबर आ रही है। वहीं, कूचबिहार में एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना भी सामने आई है।
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है। चुनाव के दौरान 5.67 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे। चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में चुनाव संबंधी हिंसा में अभी तक 16 लोगों की मौत हुई है।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए मतदान जारी हैं। इस दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मतदान केंद्रों का दौरा किया और मतदाताओं एवं उम्मीदवारों से बातचीत की।
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