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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पंचायत चुनाव के दौरान कुछ जिलों में केंद्रीय बलों की नियुक्ति का आदेश दिया था। वहीं बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पंचायत चुनाव से संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य निर्वाचन आयोग राजीव सिन्हा को शनिवार को राजभवन बुलाया है।

क्या है कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश

पंचायत चुनाव में हिंसा की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती और नामांकन की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेस का इस्तेमाल करना चाहिए।

हालांकि इसका अंतिम फैसला राज्य निर्वाचन आयोग का होगा और राज्य सरकार से परामर्श के बाद ही वह इस संबंध में फैसला ले सकेंगे। कोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग सभी संवेदनशील जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करेगा और इसका खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

हाईकोर्ट में दायर हुई पुनर्विचार याचिका

कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कांग्रेस नेता अबू हसीम खान ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। आरोप है कि उम्मीदवारों को नामांकन ही नहीं करने दिया जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर 30 से अधिक हिंसक झड़पों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है और 90 से ज्यादा लोग घायल हैं।

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