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कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज सारदा घोटाले के आरोपी राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को दो साल से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद अंतरिम जमानत दे दी जिन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। घोष को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था। न्यायमूर्ति अशीम कुमार रॉय और न्यायमूर्ति एम एम बनर्जी की खंडपीठ ने घोष को दो लाख रपये के जमानती बांड और एक-एक लाख रपये के दो मुचलकों पर 11 नवंबर तक की जमानत दे दी। घोष सारदा समूह का मीडिया कारोबार देखते थे। अदालत ने निर्देश दिया कि रिहा किये जाने पर घोष अदालती कार्यवाही में शामिल होने या जांच अधिकारियों से मिलने के अलावा महानगर के नारकेलडांगा थाना क्षेत्र को छोड़कर नहीं जाएंगे। अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि घोष सप्ताह में एक बार जांच अधिकारी से मिलेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई को जांच के उद्देश्य से उन्हें अपने दफ्तर में बुलाने की स्वतंत्रता होगी। मामले में दो नवंबर को पुन: सुनवाई होगी। अदालत ने इस बात को संज्ञान में लिया कि घोष की मां कैंसर से पीड़ित हैं जिनकी उम्र करीब 90 साल है।
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कोलकाता: माकपा ने सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने तथा पाकिस्तान के साथ तनाव में कमी लाने के लिए ‘‘राजनयिक एवं राजनीतिक’’ कदम उठाने का शनिवार को केंद्र से अनुरोध किया तथा उम्मीद जतायी कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच टकराव में और वृद्धि नहीं होगी। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने सीमा पार आतंकवाद से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी केंद्र से आग्रह किया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भारतीय सेना के आपरेशन पर नजर रख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अब, पठानकोट में जो हुआ और हाल में उरी में हुआ, उसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। हम महसूस करते हैं कि सरकार को सीमा पार आतंकवाद से अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। येचुरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब आगे टकराव में और वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने तथा तनाव कम करने के लिए राजनयिक एवं राजनीतिक कदम जारी रखने का केंद्र से अनुरोध करते हैं। यह पूछे जाने पर माकपा पाकिस्तान के साथ क्यों बातचीत के पक्ष में है जबकि विगत में ऐसे प्रयास नाकाम रहे हैं, येचुरी ने कहा कि कुछ मीडिया समूह हैं जो हम पर (माकपा) राजद्रोह का आरोप थोपना चाहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि देश के हित में क्या है?
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कोलकाता: पार्क स्ट्रीट सामूहिक बलात्कार कांड के चार साल बाद कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी कादेर खान को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की विशेष टीम ने दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में कल रात गाजियाबाद के एक अपार्टमेंट से कादेर और उसके साथ अली खान को गिरफ्तार कर लिया। कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने बताया कि दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर शहर लाया जाएगा और संभवत: कल स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। दो बच्चों की मां से पांच व्यक्तियों ने छह फरवरी 2012 को सामूहिक बलात्कार किया था। उन्होंने पीड़िता को पार्क स्ट्रीट इलाके के एक नाइट क्लब से घर छोड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि एक सूचना पर कार्रवाई करते हुए कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने कादेर की मोबाइल कॉल्स पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। वह घटना के बाद से ही फरार था। जैसे ही उसका स्थान नई दिल्ली के पास कहीं का पता चला वैसे ही उसे दबोचने के लिए पुलिस टीम सक्रिय हो गयी। कोलकाता पुलिस आयुक्त के निर्देश पर कादेर को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई थी।
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कोलकाता: कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के छह शीर्ष आतंकवादियों को पश्चिम बंगाल और असम से गिरफ्तार किया है। इनमें से पांच वर्ष 2014 के खगरागढ़ विस्फोट मामले में वांछित थे। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि इन छह लोगों में से तीन बांग्लादेशी नागरिक हैं जबकि तीन अन्य भारतीय हैं। गर्ग ने कहा, ‘खगरागढ़ विस्फोट के बाद से ये लोग पश्चिम बंगाल में नहीं थे। उन्होंने राज्य छोड़ दिया था और दक्षिण भारत तथा पूर्वोत्तर राज्यों में चले गए थे। वे लोग दक्षिण भारत के राज्यों में कुछ विध्वंसक गतिविधियों की योजना बना रहे थे। हम विवरण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ जेएमबी के गिरफ्तार आतंकवादियों में संगठन की पश्चिम बंगाल इकाई का प्रमुख अनवर हुसैन फारूक उर्फ इमाम और राज्य में संगठन में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाला यूसुफ शेख उर्फ मौलाना शेख भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन छह लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं में 120 बी (आपराधिक षडयंत्र), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 121 (ए), 122 (हथियार जमा करना), 123 और 124(ए) शामिल हैं। नगर की एक अदालत ने उन्हें छह अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
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