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कोलकाता: दक्षिणी कोलकाता के अनवर शाह रोड पर स्थित सिटी शॉपिंग मॉल में आज सुबह मॉल खुलने से पहले आग लग गयी है। रविवार होने के कारण इस मॉल में पर्याप्त भीड़ होती हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मॉल के तीसरे तल में बनी फूड कोर्ट में आग लगी थी और सुबह करीब सवा नौ बजे इसे देखी गयी, जिसके बाद मौके पर 18 दमकल गाड़ियों को आग बुझाने के लिए भेजा गया। शहर के दक्षिणी इलाके में स्थित मॉल में उस समय फिल्म का सुबह का शो चल रहा था और लोग फिल्म देख रहे थे। आग लगने के बाद मॉल के विभिन्न तलों के स्टोर्स पर तैनात कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड्स को वहां से निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आग लगने के बाद प्रिंस अनवर शाह रोड़ पर स्थित मॉल की बिजली काट दी गयी, लेकिन धुंये के कारण दमकल कर्मियों को मॉल में घुसने में कठिनाई हुयी। इसके अलावा मॉल के सामने का यातायात रोक दिया गया, लेकिन आग लगने के कारण वहां देखने वालों की भीड़ इकट्ठी हो गयी। इसके बाद कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन दल को भी बचाव कार्य में लगाया गया। अग्निशमन दल के अधिकारी ने बताया कि धुआं निकालने के लिए फूड कोर्ट के फाइबर कांच की दीवार को तोड़ दिया गया।राज्य के अग्नि एवं आपातकालीन सेवा मंत्री और पाषर्द सोवन चटर्जी भी मौके पर पहुंचे।

कोलकाता: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के परनाती और शोधार्थी आशीष राय ने आज दावा किया कि उनके पास बोस के 18 अगस्त, 1945 को ताईपे (ताइवान) विमान हादसे में मारे जाने संबंधी अकाट्य साक्ष्य हैं। रेनकोजी मंदिर में रखे अस्थि कलश को भारत वापस लाने की मांग करते हुए, राय ने कहा, ‘ऐसी तीन रिपोर्टे हैं जिनमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बोस 1945 के विमान हादसे में मारे गए थे और उन्हें सोवियत संघ में प्रवेश का अवसर नहीं मिला।’ राय ने कहा कि जापान सरकार की दो रिपोर्टें में स्पष्ट कहा गया है कि उनकी मृत्यु विमान हादसे में हुई, जबकि रूस के सरकारी अभिलेखागार में रखी तीसरा रिपोर्ट नि:संदेह कहती है कि नेताजी को 1945 या उसके बाद सोवियत संघ में प्रवेश करने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘वह कभी यूएसएसआर में बंदी नहीं थे।’ रॉय ने कहा, संभवत नेताजी की योजना रूस जाने की हो, क्योंकि वह मानते थे कि कम्युनिस्ट राष्ट्र होने के नाते वह ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने में सहयोग देगा। उन्होंने कहा, ‘उन्हें लगा कि जापान उनकी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने समर्पण कर दिया था।

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशंसा की और कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए उनके पास पर्याप्त गुण हैं। रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजनीति में उनकी विश्वसनीयता को लेकर कोई सवाल नहीं होना चाहिए। अगर एक चाय वाला का बेटा प्रधानमंत्री बन सकता है तो ममता जी भी प्रधानमंत्री बन सकती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘राजनीति में, ममता जी ईमानदारी और सादगी की प्रतीक हैं। मुझे उनकी सादगी अच्छी लगती है। वह चप्पल और साधारण साड़िया पहनती हैं। मैं मानता हूं कि उनके पास काला धन नहीं है।’ नोटबंदी का ममता द्वारा जोरदार विरोध किए जाने के बाद भी रामदेव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख वास्तव में नोटबंदी को लागू करने की प्रक्रिया के खिलाफ हैं। योग गुरु और उद्यमी रामदेव ने यहां इंफोकॉम सेमिनार में कहा, ‘मैंने नोटबंदी का बीज बोया था। मैंने 2009 से 2014 के बीच आंदोलन जारी रखा और सरकार से पांच सौ रुपए तथा एक हजार रुपए के नोट वापस लेने को कहा था क्योंकि यह भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मूल कारण है।’ उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के साथ काले धन का पैदा होना, भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद का वित्तपोषण पूरी तरह से रूक गया है। रामदेव ने कहा कि नकदी संकट के कारण आम आदमी को असुविधा हो रही है। लेकिन कोई भी इसके खिलाफ शिकायत नहीं कर रहा है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सेना पर की गयी टिप्पणी को शनिवार को अप्रत्यक्ष रूप से गलत बताते हुए कहा कि लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ममता ने राज्य के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर टिप्पणी की थी। त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘लोगों को सेना जैसे जिम्मेदार संगठन के खिलाफ आरोप लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।’ गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों ने कल यहां राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर टोल प्लाजा से सेना को तत्काल हटाने की मांग की थी लेकिन वे राज्यपाल से नहीं मिल पाए थे क्योंकि वे बाहर गए हुए थे। तृणमूल कांग्रेस के नेता आज राज्यपाल से मिलेंगे। टोल प्लाजा पर सैन्यकर्मियों की मौजूदगी से विवाद शुरू हो गया था। ममता ने पूछा था कि यह क्या ‘सैन्य तख्तापलट’ की कोशिश है। केंद्र ने उनकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह टिप्पणी उनकी ‘राजनीतिक हताशा’ का परिचायक है।

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