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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर किए जा रहे महागठबंधन के प्रयासों को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम ममता ने शुक्रवार को कहा कि मैं बीएसपी सुप्रीमो मायावती द्वारा महागठबंधन पर कांग्रेस के खिलाफ लिए गए निर्णयों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। लेकिन मैं 19 जनवरी, 2019 को होने वाली अपनी रैली में कांग्रेस और बीएसपी दोनों के आमंत्रित करूंगी। उन्होंने कहा कि सीपीएम लगातार मेरे खिलाफ काम कर रही है, लेकिन मैं उन्हें भी रैली के लिए आमंत्रित करूंगी। मैंने केरल के सीएम को भी आमंत्रित किया है। मैं सभी विपक्षी दलों से एक साथ आने की अपील करती हूं।
राज्य में नहीं चलेगी भाजपा की रणनीति- ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल में भाजपा एक भी सीट न जीत सके। भाजपा की रणनीति राज्य में काम नही करेंगी। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के दौरे किया था। सिंह ने अपने बंगाल दौरे पर अपने ट्विटर एकाउंट पर नाम बंगला भाषा में चेंज कर दिया था।
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सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें 10 रुपए तक कम होनी चाहिए। सीएम ममता ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले सेस (टैक्स) हटाने के साथ केंद्र सरकार को कम से कम 10 रुपए तक पेट्रोल सस्ता करना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार को देश की जनता की बिल्कुल भी फिक्र नहीं है। ममता ने सिलीगुड़ी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह प्रतिक्रिया दी। पेट्रोल-डीजल के दाम में केंद्र सरकार ने 2.50 रुपए प्रति लीटर की कमी की है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने बीते महीने राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 रुपए की कटौती की थी। सीएम ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को देश की जनता की कोई चिंता नहीं है। उसे केवल अपनी पार्टी (भाजपा) में रुचि है। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी लगातर बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों पर 10 रुपए प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए। साथ पेट्रोलियम उत्पादों पर लगा सेस भी वापस लेना चाहिए।
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के बंद के दौरान कुछ जिलों में भगवा पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों में छिटपुट झड़पों की रिपोर्ट है। उत्तर दिनाजपुर जिले में दो छात्रों की मौत के विरोध में भाजपा ने इस बंद का आह्वान किया है। वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने बताया कि स्थिति “पूरी तरह नियंत्रण में है” और जनजीवन “थोड़ा भी प्रभावित नहीं हुआ है।
पुलिस ने बताया कि भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच पश्चिमी मिदनापुर, पश्चिम बर्धमान, दक्षिणी दिनाजपुर और उत्तरी दिनाजपुर में झड़पें हुई। इन स्थानों पर बंद के समर्थन में भाजपा की रैलियां और बंद के विरोध में निकाली गयी तृणमूल कांग्रेस की रैलियां आमने-सामने आ गईं थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ को बाद में हटाया गया और स्थिति को काबू में लाया गया। पार्थ चटर्जी ने कहा, “भाजपा कुछ इलाकों में शांति भंग करने की कोशिश कर रही थी और लोगों में डर का माहौल पैदा करना चाह रही थी। लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और जनजीवन किसी भी तरह प्रभावित नहीं हुआ। हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन का संदेश देते हुए कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बदलाव किया है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सौमेंद्रनाथ मित्रा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया है। अभी तक लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। चौधरी को प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ नेता सौमेंद्र नाथ मित्रा के साथ पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। शंकर मालाकर, नेपाल महतो, अबु हसेम खान चौधरी और दीपा दासमुंशी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि लोकसभा सांसद अभिजीत मुखर्जी को घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष और संतोष पाठक को समिति का संयोजक बनाया है।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस में प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष और शुभंकर सरकार को संयोजक बनाया गया है। प्रदेश कांग्रेस की नई टीम से साफ है कि पार्टी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है। इसलिए, अधीर रंजन चौधरी की जगह सौमेंद्र नाथ मित्रा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। सांसद अधीर रंजन चौधरी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं।
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