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कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर किसी भी तरह का कोई अध्यादेश लाने की नहीं सोच रही है। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण केवल भाजपा करवा सकती है और किसी में इतनी हिम्मत नहीं है। राम मंदिर के मुद्दे ने भाजपा का भले ही ज्यादा नुकसान किया है, क्योंकि विपक्षी पार्टियां अल्पसंख्यक को डराने और वोटों के धुव्रीकरण के लिए इसका इस्तेमाल करती रही हैं।

साथ ही विजयवर्गीय ने कहा, 'हम लोग राम मंदिर के मुद्दे पर जल्द फैसले के लिए कोर्ट में फिर अपील करेंगे। अगर कोई मामला कोर्ट में हो तो जल्दबाजी न करनी चाहिए और फैसला लेने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। लेकिन अगर लोगों की उम्मीद बढ़ती रहेंगी तो सरकार को इस मुद्दे पर कोई कदम उठाना पड़ेगा। लेकिन अभी पार्टी राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी भी तरह के अध्यादेश लाने पर कोई विचार नहीं कर रही है।' जब उनसे कई संगठनों और राजनीतिक पार्टियों की ओर से अध्यादेश के लिए बनाए जा रहे दबाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द फैसले के लिए कोर्ट से आग्रह करना होगा। बता

पानागढ़: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालना अघोरनाथ स्टेडियम में आयोजित सभा से बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल (बीएमसीएच) के मरीजों से ब्लड बैंक प्रॉसेसिंग चार्ज मद में वसूली राशि को वापस लौटाने का आदेश दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सक सुदीप धीवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी कैफियत मांगी है। शुक्रवार को कालना में आयोजित सभा से मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बिना शुल्क पर इलाज कराने का सुविधा उपलब्ध है। उन्हें शिकायत मिली है कि ब्लड बैंक में पैसा लिया गया है। जिसने पैसा लिया है, वह खुद लौटायेगा। स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिये हैं।

वहीं, संयुक्त सचिव (ब्लड सेफ्टी) सपन सरकार ने बताया कि यह दुखद घटना है। वर्ष 2015 से जारी नियम को अचानक बर्दवान अस्पताल प्रबंधन ने बदल दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को अवैध शराब बिक्री तथा अवैध बालू खनन को पूर्ण रूप से बंद करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दमकल व आवास मंत्रालय से इस्तीफा देने के बाद कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी ने गुरुवार को नगरनिगम के मेयर पद से भी इस्तीफा दे दिया। कोलकाता नगर निगम की चेयकपर्सन माला रॉय ने संवाददाताओं से कहा, उन्होंने एक प्रतिनिधि के द्वारा अपना इस्तीफा भेजा है। चटर्जी के इस्तीफे के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस अगले कदम का फैसला करेगी। शाम को पार्षदों की बैठक के बाद भविष्य की कार्रावाई पर विस्तृत जानकारी की घोषणा की जाएगी। चटर्जी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा दे दिया था और उनसे पार्टी सुप्रीमो द्वारा मेयर पद छोड़ने के लिए कहा गया था।

कोलकाता: कोलकाता सरकार में अहम पद रखने वाले ममता के मंत्री सोवन चटर्जी ने परफॉर्मेंस पर खिंचाई के बाद मंगलवार को दोपहर बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। चटर्जी तीन महत्वपूर्ण पद कोलकाता मेयर, हाउसिंग और फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के मंत्री थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आधिकारिक जिम्मेदारी की अनदेखी कर ज्यादा समय व्यक्तिगत जीवन में देने को लेकर खिंचाई की थी। ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा- “उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उन्हें इससे पहले भी इस्तीफा दिया था लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्हें मेयर के पद से भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। समय पर नए मेयर की नियुक्ति कर दी जाएगी।”

उन्होंने ममत बनर्जी के साथ दशकों पुराने संबंधों को साझा किया, जो चटर्जी को घर के नाम ‘कानन’ कह कर बुलाती थीं। पिछले एक साल के दौरान चटर्जी का व्यक्तिगत जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहा। 2017 के नवंबर में चटर्जी ने अपनी बीवी रत्ना से तलाक की अर्जी दायर की और अपना आवास बहला से अपना आवास शिफ्ट कर लिया।

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