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कोलकाता: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही नेताओं में जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने धर्म पर सवाल उठाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दी कि वे ‘मंत्रोच्चार' में उनसे प्रतिस्पर्धा करें। ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में कई मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जबकि भाजपा आम चुनावों से पहले राम मंदिर के मुद्दे पर सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी कर रही है।

ममता ने कहा, ‘‘पूजा का मतलब माथे पर तिलक लगा लेना ही नहीं होता. मंत्रों का मतलब भी समझ आना चाहिए. मैं मोदी-शाह को चुनौती देती हूं कि वे मंत्रोच्चार में मुझसे प्रतिस्पर्धा करें।'' ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘कुछ लोग हैं जो मेरे धर्म पर सवाल उठाते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि इंसानियत मेरा धर्म है और धर्म को लेकर मुझे दूसरों के लेक्चर की जरूरत नहीं है।' ममता बनर्जी ने कहा कि ‘वे मुझ पर ऊंगली उठाना चाहते हैं और कहते हैं कि मैं बंगाल में पूजा नहीं होने देती। उन्हें जाकर देखना चाहिए कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में कितने मंदिरों का निर्माण हुआ है।'

कोलकाता: लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है और साथ ही ममता बनर्जी की पार्टी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष भी उभर रहा है। कभी तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले मुकुल राय अब भाजपा में हैं। असंतुष्ट नेताओं और कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों तक को अपनी पूर्व पार्टी से भाजपा में लाने में उनकी भूमिका अहम बताई जाती है। लोकसभा चुनाव के लिए जब तृणमूल ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची जारी की तब पार्टी में असंतोष के स्वर भी उठने लगे।

इस सूची में कूचबेहार, बशीरहाट, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बोलपुर, विष्णुपुर और कृष्णनगर लोकसभा सीटों के वर्तमान सांसदों के नाम नहीं हैं। इन सीटों पर तृणमूल के स्थानीय नेतृत्व में मची कलह का भाजपा ने पिछले पांच साल में जम कर फायदा उठाते हुए अपने लिए रास्ते बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुछ सीटों पर तृणमूल पार्टी ने अपने पुराने नेताओं की उपेक्षा की और नौसिखियों, फिल्मी सितारों तथा कांग्रेस एवं वाम दलों से आए लोगों को प्रमुखता दी।

नई दिल्ली: कांग्रेस और वाम मोर्च के बीच गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत को लेकर कोई निर्णायक मोड़ सामने आती कि इसी बीच वाम मोर्च ने पश्चिम बंगाल की 42 में से 25 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। वाम मोर्चे ने जिस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया उनमें मुर्शिदाबाद, रायगंज और पुरुलिया लोकसभा सीटों के नाम शामिल हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस और वाम मोर्चे के बीच रस्साकसी के कारण पुरुलिया और बसीरहाट सीटें हैं। इन सीटों पर दोनों पार्टियों अपना दावा ठोक रही हैं। कल (शुक्रवार को) वाम मोर्चे ने दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया।

एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए वाम मोर्चे ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि वे इन दोनों सीटों से जीत सकते हैं तो वह यहां अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं। वाम मोर्च ने पुरुलिया से फॉर्वड ब्लॉक के बीर सिंह महतो को प्रत्याशी बनाया है। बीर सिंह यहां से 1996 से 2004 तक चार बार सांसद रह चुके हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि उनकी पार्टी के पास लोकसभा चुनाव जीतने लायक उम्मीदवार ही नहीं हैं। घोष ने कहा, 'हमारे पास पार्टी नेता और कार्यकर्ता हैं, जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमने उन्हें पंचायत और विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने लायक हमारे पास उम्मीदवार नहीं हैं, जो चुनाव जीत सकें।' जब उनसे पूछा गया कि अन्य दलों से आकर भाजपा में प्रमुखता पाने वाले नेताओं के प्रति पार्टी नेताओं में नाराजगी है? तो घोष ने कहा, 'हमारी पार्टी में ऐसी कोई चीज नहीं है। अगर कोई आना चाहता है और विकास के लिए हमारी पार्टी के साथ जुड़ना चाहता है तो हम कैसे उन्हें रोक सकते हैं?'

उनका बयान गुरुवार को टीएमसी विधायक अर्जुन सिंह के भाजपा के साथ जुड़ने के बाद आया है। पिछले कुछ समय में टीएमसी, कांग्रेस और सीपीआई(एम) के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का साथ पकड़ा है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 23 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।

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