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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष चिराग पासवान को झटका लगा है। एलजेपी के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर के पुत्र चौधरी यूसुफ़ कैसर को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपना उम्मीदवार बनाया है। यूसुफ़ अपने ख़ानदान की परंपरागत सीट सिमरी बख्तियारपुर से उम्मीदवार होंगे। इस सीट से कैसर परिवार के तीन पीढ़ी के लोग प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।

इससे पहले, चौधरी ने पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रीय जनता दल का दामन थामा था और माना जा रहा है कि ऐसा उन्होंने अपने पिता और लोजपा से दो टर्म से सांसद चौधरी महबूब अली कैसर की सहमति से किया है क्योंकि लोक जनशक्ति पार्टी में केसर उन सांसदो में में एक हैं, जो एनडीए में रहकर चुनाव लड़ना चाहते थे और उनका कहना था कि बेवजह नीतीश कुमार से कटुता बढ़ाई जा रही है। यूसुफ़ युवा लोक जनशक्ति के महासचिव भी रह चुके हैं और उनके अपने सांसद का यह कदम चिराग़ के लिए झटका माना जा रहा है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने अपने नौ वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई छह वर्षों के लिए की गई है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने निलंबन किया है। 

बाहर निकाले गए नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, ऊषा विद्यार्थी, अनिल कुमार, झाझा से रवींद्र यादव, भोजपुर से श्वेता सिंह, जहानाबाद से इंदु कश्यप, जमुई से अजय प्रताप और मृणाल शेखर के नाम शामिल हैं।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने एक पत्र जारी करते हुए लिखा कि निलंबित नेता एनडीए प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे थे। इससे एनडीए के साथ-साथ पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी। ये पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए जेडीयू की ओर सोमवार को चुनावी कैंपेन का आगाज किया गया। जेडीयू अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार ने अपने भाषण में जहां विकास की चर्चा की, वहीं लालू-राबड़ी राज पर बड़ा हमला बोला। नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने दलितों की हत्या होने पर परिवार वालों को नौकरी देने का प्रावधान किया है। इस पर भी कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं। क्या दलितों का उत्थान वो नहीं चाहते। हमने संविधान में जो अधिकार मिला था, उसे नियम बनाकर लागू किया, इसमें भी उनको परेशानी है। उन लोगों का वोट लेना ही मकसद है। आज तक तो वे लोग सिर्फ वोट लेकर बेवकूफ बनाते रहे। हमारी सरकार महादलितों के लिए काम कर रही तो कुछ लोगों को परेशानी है। हम वोट की चिंता नहीं करते, सेवा ही हमारा धर्म है।

सीएम ने आगे कहा कि आज कल देख रहे हैं कि कुछ लोग बिहार के बारे में आर्टिकल लिख रहे हैं। लेकिन ये नहीं देख रहे कि हमारा विकास दर 10 प्रतिशत से अधिक है। यह सही है कि कोई बड़ा उद्योग धंधे नहीं लगे लेकिन छोटे स्तर पर कई उद्योग लगे हैं। हमारे यहां ज्यादा बड़ा उद्योग नहीं लग सकता।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में सांसद राजीव प्रताप रूडी और राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन का नाम शामिल नहीं है। इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इन दोनों नेताओं को एक समय में भाजपा के युवा चेहरों के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब ये दोनों पार्टी में साइडलाइन हो गए हैं। शाहनवाज हुसैन पिछले कई सालों से संगठन के लिए काम करने में जुटे हुए हैं। वहीं, राजीव प्रताप रूडी लगातार चुनाव जीतने के बाद भी इस बार केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए। अब दोनों ही नेताओं का दर्द छलका है। 

सूची में नहीं होना दुख की बात: रूडी

राजीव प्रताप रूडी वर्तमान में बिहार के सारण लोकसभा सीट से सांसद हैं। राजनीति में प्रवेश करते ही, उन्हें एक तेजतर्रार नेता के रूप में पहचान मिली। 25 वर्ष की उम्र में विधायक बने। इसके बाद लगातार चुनाव जीतते गए। वर्तमान में सांसद भी हैं। इसके बाद भी भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से दरकिनार किया हुआ है। पार्टी ने उन्हें पूरी तरह से साइडलाइन कर दिया है। 

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