पटना: भाजपा ने दूसरे चरण की 46 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची रविवार को जारी कर दी। पार्टी ने इसमें भी सवर्णों पर दांव लगाया है। इस बार भी करीब आधे टिकट उन्हीं के खाते में गए हैं। पहली सूची में भी पार्टी ने 60 प्रतिशत सवर्ण चेहरों पर ही दांव लगाया था। वहीं, इस बार आठ यादवों को टिकट देकर भाजपा ने राजद के कोर वोट बैंक में सेंधमारी के अपने इरादे जता दिए हैं। ओबीसी के साथ अति पिछड़ों और दलितों को भी साधने की कोशिश की गई है। पार्टी ने मौजूदा चार विधायकों का टिकट काट दिया है, वहीं आधा दर्जन से अधिक नए चेहरों पर भरोसा जताया है।
दूसरे चरण की 94 सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है। भाजपा के हिस्से में इस चरण की 51 सीटें थीं। इनमें से पांच को उसने वीआईपी को दे दिया है। वहीं 46 सीटों पर उम्मीदवारों का पार्टी ने ऐलान कर दिया है।
पार्टी के टिकट वितरण को जातिगत आधार पर देखें तो भाजपा ने पहले चरण की परिपाटी को ही आगे बढ़ाया है। सवर्ण और वैश्यों को भाजपा का आधार वोटर माना जाता है। दूसरे चरण में भी पार्टी ने अपने कोर वोट बैंक को मजबूती से साधने की कोशिश की है।
सवर्ण और वैश्यों के हिस्से 46 में से 26 सीटें आई हैं। इनमें सर्वाधिक 11 क्षत्रिय समाज के उम्मीदवार उतारे गए हैं। इसके पीछे अपने वोट बैंक को साधने के साथ ही राजद के सेंधमारी के प्रयासों को रोकने की भी कोशिश दिखती है। इसके अलावा पांच भूमिहार और चार ब्राह्मणों को टिकट दिया गया है। दो उम्मीदवार कायस्थ जाति के हैं। जबकि चार वैश्य प्रत्याशी भाजपाई टिकट पर मैदान में हैं। इसके अतिरिक्त आठ यादव और चार कुर्मी-कुशवाहों को टिकट दिया गया है। एक चौरसिया के अलावा सुरक्षित सीटों पर सात दलित प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं।
तीन के टिकट कटे, चौथे की सीट वीआईपी को
भाजपा के चार मौजूदा विधायकों का टिकट कट गया है। तीन जगह जहां उम्मीदवार बदल गए हैं, वहीं सुगौली सीट गठबंधन में पार्टी ने वीआईपी को दे दी है। ऐसे में चार विधायक बेटिकट हो गए हैं। जिन विधायकों का टिकट कटा है, उनमें चनपटिया से प्रकाश राय का टिकट काटकर उमाकांत सिंह को दिया गया है। सीवान से व्यासदेव प्रसाद की जगह पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं अमनौर से शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा की जगह कृष्णा कुमार मंटू को प्रत्याशी बनाया गया है।
दो महिलाओं को मिला टिकट
पार्टी ने दूसरी सूची में दो महिलाओं को टिकट दिया है। पहली सूची में महिला प्रत्याशियों की संख्या पांच थी। दूसरी लिस्ट में जिन महिलाओं को टिकट मिला है, उनमें पहला नाम रेणु देवी का है। वे पूर्व मंत्री रह चुकी हैं और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। दूसरा नाम आशा सिन्हा का है। वे तमाम विरोध के बावजूद दानापुर सीट पर पार्टी नेतृत्व का भरोसा जीतने में फिर सफल रही हैं।
टिकट पाने वालों में संगठन के भी दो चेहरे
टिकट पाने वालों में दो चेहरे पार्टी संगठन के भी शामिल हैं। इनमें पहला नाम प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद का है, जिन्हें मनेर से उतारा गया है। वहीं भागलपुर के जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय को भी भागलपुर सीट से टिकट दिया गया है।
पूर्व सांसद सहित कई नए चेहरों पर दांव
भाजपा ने पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव सहित कई नए चेहरों पर दांव लगाया है। ओमप्रकाश यादव सीवान से दो बार सांसद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में गठबंधन में उनकी सीट जदयू कोटे में चली गई थी। अब वे सीवान सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पहली सूची में भी भाजपा ने गया से पूर्व सांसद हरि मांझी को उम्मीदवार बनाया है। निखिल आनंद और रोहित पांडे का भी यह पहला चुनावी अनुभव होगा। वहीं, फतुहा से प्रत्याशी बनाए गए सत्येंद्र सिंह भी पहली बार भाजपा प्रत्याशी बने हैं। पिछला चुनाव उन्होंने लोजपा के टिकट पर लड़ा था और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। चनपटिया, उजियारपुर और अमनौर से भी पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है।
केंद्रीय मंत्री चौबे को झटका
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे को भी झटका लगा है। वे भागलपुर सीट से अपने बेटे अर्जित शाश्वत चौबे को फिर चुनाव लड़ाना चाहते थे। यहां से केंद्रीय मंत्री चौबे खुद कई बार विधायक रह चुके हैं। इस बार पार्टी ने जिलाध्यक्ष रोहित पांडे को यहां से मैदान में उतारा है।