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पटना: अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने को लेकर जेडीयू ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यह गठबंधन की राजनीति के लिए ठीक नहीं है। पार्टी ने लव जिहाद के कानून को लेकर भाजपा शासित राज्यों में चल रही कवायद को भी गलत ठहराया।

त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर जेडीयू ने क्षोभ व्यक्त किया है। भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी के अटल धर्म को अपनाना चाहिए। जेडीयू ने इस मसले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की है। जेडीयू के विधायकों को अरुणाचल के मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कही गई थी, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी में ही शामिल कर लिया। इससे जदयू आहत है। त्यागी ने कहा कि लव जिहाद के घृणात्मक काम को लेकर समाज को बांटा जा रहा है, इसे ठीक नही माना जा रहा है। दरअसल, यूपी के बाद मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाया जा रहा है। हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में इसकी तैयारी है।

पटना: बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जनता दल यूनाइडेट (जदयू) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में पार्टी ने जदयू की कमान आरसीपी सिंह को सौंप दी। अब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। 

आरसीपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह राज्यसभा में संसदीय दल के नेता हैं। नीतीश कुमार ने खुद पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उनके बाद सब कुछ आरसीपी सिंह ही देखेंगे। नीतीश ने एक तरह से सिंह को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया है। वे बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। उन्होंने कहा था कि अंत भला तो सब भला। आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं और साए की तरह उनके साथ रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश बिना आरसीपी की सलाह के कोई फैसला नहीं लेते हैं। आरसीपी ना केवल नीतीश के राजनीतिक, रणनीतिकार और सियासी सलाहकार ही नहीं हैं बल्कि उन्हीं के कुर्मी समुदाय से भी आते हैं।

पटना: अरुणाचल प्रदेश में भाजपा द्वारा जदयू के सात में से छह विधायकों को अपने पाले में करने के बाद उसकी आंच से बिहार की सियासत गरमाने लगी है। बिहार में गठबंधन सरकार चला रहेेे भाजपा-जदयू के रिश्तों में खटास पड़ने की आशंका के बीच भाजपा एमएलसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गृह विभाग की जिम्मेदारी किसी और को सौंप देना चाहिए। सीएम नीतीश कुमार पहले ही विधायकों के पाला बदलने के मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ अपनी ही पार्टी में सवालों के बाण झेल रहे हैं। वहीं, अब संजय पासवान के बयान के बाद नीतीश पर अधिक दबाव पड़ने की आशंका है।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश के पास गृह, सामान्य प्रशासन, सतर्कता एवं सामान्य प्रशासन विभागों का प्रभार है। भाजपा नेता संजय पासवान ने शनिवार को कहा, 'नीतीश कुमार पर बहुत सारे कामों का बोझ है। उन्हें गृह विभाग किसी और को दे देना चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें मंत्रालय भाजपा को सौंप देना चाहिए। कुछ अन्य जदयू नेताओं को यह पदभार संभालने दें।'

पटना:  बिहार कैबिनेट ने 103 नए नगर पंचायत और 8 नए नगर परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ 32 नगर पंचायतों को अपग्रेड करके नगर परिषद बनाया जाएगा। 5 नगर परिषदों को नगर निगम में अपग्रेड किया जाएगा। राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है।

बिहार में 2011 की जनगणना के अनुसार, शहरी आबादी मात्र 11.27 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 31.16 फीसदी है। हाल यह है कि बिहार के कई अनुमंडल मुख्यालय अभी भी ग्राम पंचायत के अधीन हैं। सरकार का ऐसा मानना है कि नए नगर निकायों के अस्तित्व में आने से लोगों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी। 

राज्य की जनता स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज सिस्टम, मशीनों के माध्यम से शहरों की साफ-सफाई, पार्क और सामुदायिक सुविधाएं दी जा सकेंगी। इससे इन इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी को शहरी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कई अनुमंडल मुख्यालय अभी तक ग्राम पंचायत के अधीन थे।

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