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पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) किसानों और तीन नए कृषि कानूनों पर अब आक्रामक रुख अख़्तियार कर रही है। बुधवार को विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव ने औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार से बिहार के किसानों के खस्ताहाल के मद्देनज़र फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को क़ानूनी रूप देने की मांग की। 

तेजस्वी यादव ने बुधवार को किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती पर पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में मंडी खत्म करने के दुष्परिणाम सब देख सकते हैं क्योंकि केंद्र सरकार के खुद के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिहार के किसानों की आय देश में सबसे कम है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार खुद बताएं कि अगर उनका निर्णय सही था तो किसान इतने बदहाल क्यों हैं।

 

इस संवाददाता सम्मेलन में सरकारी आंकड़े जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा कि आखिर धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य क्यों किसी साल पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा क्या ये सच नहीं है कि बिहार में लाखों किसान अपने धान या गेहूं को बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। तीन नए कृषि बिल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर ये लागू हो गया तो बिहार का किसान जो आज मज़दूर है वो भिखारी हो जाएगा।

अगले हफ़्ते वामपंथी दलों के राजभवन मार्च का समर्थन करते हुए तेजस्वी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर जो भी कार्यक्रम हुआ या होगा उनकी पार्टी का समर्थन है। उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा गांव गांव में लोगों के बीच बिल के ख़िलाफ़ जागरूकता के लिए एक पैम्फ़्लेट भी जारी किया।

 

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