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पटना: बिहार में मंगलवार को अज्ञात अपराधियों ने राजधानी पटना में मंगलवार की शाम इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार बाइक पर सवार अज्ञात अपराधियों ने पुनाईचक में रूपेश कुमार पर ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की और फिर फरार हो गए। घायल अवस्था में रूपेश कुमार को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक रूपेश कुमार एयरपोर्ट से वापस घर लौट रहे थे और इस दौरान बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। इस गोली कांड के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पटना: बिहार में एक बार फिर उठी 'औकात' की बात। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन डीजीपी ने सुशांत केस में रिया को लेकर 'औकात' शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद काफी बवाल भी हुआ था। तब तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी सफाई दी थी। इस बार मामला पूरी तरह अलग है और इस बार नेता प्रतिपक्ष सह राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में औकात शब्द का इस्तेमाल करते हुए नीतीश सरकार समेत एनडीए के सांसद, नेताओं और मंत्रियों को सीधी चुनौती दे डाली है।

दरअसल तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए एनडीए सरकार से पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने की चुनौती देते हुए औकात की बात कह दी है। तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा कि- बिहार की डबल इंजन सरकार, एनडीए के अनेक दलों, एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसदों, 9 राज्यसभा सांसदों, बिहार से केंद्र में आधा दर्जन मंत्रियों, दो-दो उपमुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री की क्या इतनी नैतिक और राजनीतिक औक़ात है कि पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिला सके?

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एनडीए के दलों में आंतरिक विरोध और साजिश का जिक्र कर नीतीश कुमार को सलाम ठोका है। साथ ही उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य बताते हुए अनर्गल बयान से बचने की सलाह दी है। मांझी के इन बयानों के बाद एक बार फिर इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि बिहार में एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

रविवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, 'राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना अगर सीखना है तो नीतीश कुमार जी से सीखा जा सकता है, गठबंधन में शामिल दल के आंतरिक विरोध और साजिशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश जी को राजनैतिक तौर पर और महान बनाता है। नीतीश कुमार के जज़्बे को मांझी का सलाम...।' 

दरअसल, मांझी का यह ट्वीट नीतीश कुमार के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पता ही नहीं चला कि कौन साथ है और कौन नहीं।

पटना: बिहार में आधिकारिक रूप से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पराजित प्रत्याशियों ने एक स्वर से कह दिया कि विधान सभा चुनाव में उनकी हार भाजपा के असहयोग और साज़िश के कारण हुई है। पटना में शनिवार को जेडीयू राज्य परिषद और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कमोबेश सभी हारे हुए उम्मीदवारों ने अपनी हार का ठीकरा भाजपा के ऊपर फोड़ा।

इस बैठक में नीतीश कुमार के सामने एक के बाद एक पार्टी के पूर्व विधायकों ने कहा कि चिराग़ पासवान एक मोहरा थे और पर्दे के पीछे सारा खेल भाजपा ने किया। पटना में उनके नेता भले जो दावा करते हों लेकिन ज़मीन पर ना उनके वोटर, ना उनके कार्यकर्ताओं का सहयोग जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशियों को मिला। सीमांचल के प्रत्याशियों का कहना था कि जहाँ पार्टी का एनआरसी पर स्टैंड कुछ और था वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री के बयान के कारण जनता में भ्रम की स्थिति फैली और इसका ख़ामियाज़ा उन्हें उठाना पड़ा। हालाँकि, जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के भाषण देने की बारी आई तो नीतीश कुमार ने स्वीकार किया कि सीटों का तालमेल समय पर नहीं हुआ।

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