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पटना: अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने को लेकर जेडीयू ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यह गठबंधन की राजनीति के लिए ठीक नहीं है। पार्टी ने लव जिहाद के कानून को लेकर भाजपा शासित राज्यों में चल रही कवायद को भी गलत ठहराया।

त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर जेडीयू ने क्षोभ व्यक्त किया है। भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी के अटल धर्म को अपनाना चाहिए। जेडीयू ने इस मसले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की है। जेडीयू के विधायकों को अरुणाचल के मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कही गई थी, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी में ही शामिल कर लिया। इससे जदयू आहत है। त्यागी ने कहा कि लव जिहाद के घृणात्मक काम को लेकर समाज को बांटा जा रहा है, इसे ठीक नही माना जा रहा है। दरअसल, यूपी के बाद मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाया जा रहा है। हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में इसकी तैयारी है।

त्यागी ने कहा कि इस बार विधानसभा के परिणाम के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नही बनना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने अपने आप को अध्यक्ष पद से मुक्त कराने की बात कही थी। लिहाजा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आरसीपी सिंह का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव दिया, अगले तीन साल के अध्यक्ष रहेंगे। जदयू के कार्यकर्ता को दी गई है जिम्मेदारी कि वो उन लोगों का पता लगाएं की आखिर हार का कारण क्या रहा है। 

 पश्चिम बंगाल चुनाव लड़ेगा जदयू

पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव में जदयू हिस्सा लेगा। जदयू वहां पर कितनी सीटों पर लड़ेगा, इसका फैसला दो-तीन दिनों में ले लिया जाएगा। केसी त्यागी ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में भी जदयू भाग लेगी। 

लोजपा को रोकना चाहिए था

केसी त्यागी ने यह भी कहा कि लोजपा को विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने से रोका जाना चाहिए था। एनडीए इस चुनाव में बहुमत हासिल करने के मामले में बाल-बाल बचा है। उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान चुनाव में एकबार भी रामविलास पासवान और भीमराव अंबेडकर का नाम नहीं लिया। सिर्फ नरेंद्र मोदी का नाम ही वे चुनाव में लेते रहे। जबकि वे एनडीए के खिलाफ चुनाव में उतरे थे। 

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