पटना: बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाले राजद नेता श्याम रजक के बयान पर आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ ली। उन्होंने कहा कि सब बेबुनियाद है। इस तरह के दावों में कोई दम नहीं है। बता दें कि श्याम रजक ने जदयू के 17 विधायकों के राजद के संपर्क में होने का दावा किया था। इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार की सरकार गिरने की अटकलें लगने लगी थीं।
जलाशय का निरीक्षण करने गए थे सीएम
गौरतलब है कि श्याम रजक के दावे को जदयू के कई नेताओं ने कोरी कल्पना करार दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी थी, लेकिन अब उन्होंने इस मामले को साफ कर दिया है। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार बुधवार को पटना के इको पार्क में बच्चों के लिए बनाए जा रहे जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने इस जलाशय को बिहार और पटना के बच्चों के लिए नए साल का तोहफा बताया। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को इस जलाशय का उद्घाटन किया जाएगा।
राजद नेता के बयान पर कही यह बात
जलाशय के निरीक्षण के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजद नेता श्याम रजक के बयान को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं, वह बेबुनियाद है। ऐसी कोई बात नहीं है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों के भाजपा में जाने के बाद बिहार की राजनीति में भी हलचल मचने लगी थी। इसके बाद राजद नेता श्याम रजक ने दावा किया था कि जदयू के 17 विधायक राजद के खेमे में आने के लिए तैयार बैठे हैं।
भाजपा ने बयान को बताया हास्यास्पद
श्याम रजक के दावे पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राजद नेताओं के दिवास्वप्न देखने में कोई बुराई नहीं है। राजद कांग्रेस के साथ अपने रिश्ते साफ करे और अपने गिरेहबान में झांके। भाजपा-जदयू के संबंधों और एनडीए की राजनीति की चिंता करने की जगह राजद को महागठबंधन के खत्म हो चुके अस्तित्व की चिंता करनी चाहिए।
जदयू नेता ने यूं दिया था जवाब
इस मसले पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने राजद के ऑफर को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राजद बकवास कर रहा है। वे लोग चुनावी हार से परेशान हैं और इसे पचा नहीं पा रहे हैं। राजद को सत्ता में आने के लिए 2025 तक इंतजार करना चाहिए।