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पटना: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उचित कदम उठाने की मांग की है। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जेडीयू के नेता और बिहार के सीएम नीतीश ने लखीमपुर मामले को लेकर कहा, 'इस बारे में अखबार में देखे ही हैं, वहां पर लोग एक्‍शन करेंगे ही जो कुछ भी हुआ। उसके बारे में खबर आई हुई थी न्‍यूजपेपर्स में हमने देखा। यूपी की बात है वहां पर जो घटना हुई उसे लेकर उचित कदम उठाना चाहिए। फ्रंट लाइन पर ही था।' सीएम ने इसके साथ ही संवाददाताओं से सवाल किया कि यहां की कोई बात हो तो बताइए।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की।

नई दिल्ली: बिहार के नेता चिराग पासवान ने रविवार को ट्वीट कर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पर निशाना साधा है। उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साजिश की गई। सजिश सफल नहीं होगी। चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच विवाद के बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगा दी है।

चिराग ने लिखा, "चुनाव आयोग का आज का फैसला उनसे सवाल की तरह है, जिन्होंने गरीबों की लड़ाई लड़ रही लोजपा की पहचान मिटाने की कोशिश की है। मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साजिश की गई। साजिश सफल नहीं होगी लोजपा का ध्वज शान से लहराएगा।"

उन्‍होंने ट्वीट में लिखा, "भयंकर कुचक्र के तहत लोजपा को खंडित करने की मुहिम जारी है। पिताजी के 5 दशकों के परिश्रम को बर्बाद करने में बिहार के सत्तालोलुपों का साथ अपनों ने भी दिया।

पटना: बिहार की जमुई लोकसभा क्षेत्र के सांसद चिराग पासवान और केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस से झगड़े के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। इलेक्शन कमीशन ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का सिंबल (बंगला) फ्रीज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन बाद लोजपा में टूट हुई थी, जिसके बाद चिराग और पशुपति दोनों अपने को लोजपा का असली मालिक बता रहे थे। इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लेते हुए पार्टी का सिंबल फ्रीज कर दिया है। हालांकि चुनाव आयोग ने दोनों ही पक्षों को अपनी ओर से हल निकालने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि चिराग और पारस अपने-अपने पक्ष और चिह्न का चयन कर लें।

ऐसे में बिहार की दो विधानसभा सीट कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे चिराग को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब चिराग और पशुपति पारस गुट चुनाव चिह्न बंगले का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

पटना (जनादेश ब्यूरो): जमुई के लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद चिराग पासवान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पार्टी के चुनाव चिंह की लड़ाई अब चुनाव आयोग तक पहुंचना तय हो गया है। बिहार की कुशेश्वर और तारापुर विधान सभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने है। ​लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। उधर, लोजपा कोटे से पार्टी सांसद को पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंड़ल में शामिल किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में छह सांसदों वाली पार्टी लोजपा का नेता पशुपति कुमार पारस को मान लिया है। इस बिना पर पारस का दावा है कि चुनाव चिंह पर उनका दावा बनता है। अभी तक चुनाव चिंह बांटने का अधिकार चिराग पासवान के था। चुनाव चिंह के सवाल पर अब अंतिम फैसला चुनाव आयोग से ही आना है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चुनाव चिह्न बंगला पर दावेदारी हेतु चुनाव आयोग में दोबारा अपील करने पर कहा है। उन्होंने कहा कि असली लोजपा हमारी है। उसका चुनाव चिह्न बंगला भी सिर्फ हमारा है। इस पर किसी और पक्ष का कोई दावा नहीं बनता।

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