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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की अपनी मांग को दोहराते हुए रविवार को कहा कि यह राष्ट्रीय हित में है और इससे विकास की दौड़ में पिछड़ रहे समुदायों की प्रगति में मदद मिलेगी। उच्चतम न्यायालय में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि यह बिल्कुल सही नहीं है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह मामला सीधे तौर पर जातिगत जनगणना के मुद्दे से संबंधित नहीं था। केन्द्र ने हलफनामे में जाति के आधार पर जनगणना को एक तरह से खारिज कर दिया था।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए जनता दल (यू) नेता ने जातिगत जनगणना के खिलाफ सभी तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि इसकी मांग न केवल बिहार बल्कि कई राज्यों से आ रही है। नीतीश ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बिहार में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों से बात करेंगे और उसके बाद आगे की रणनीति का खाका तैयार करेंगे।

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में रविवार सुबह 10 बजे बड़ा हादसा हो गया है। जिले के चिरैया प्रखंड के सिकरहना नदी में 25 लोगों से भरी नाव डूब गई। नाव पलटने से 22 लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल इन डूबे लोगों में से छह लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। हादसे में बाकी लोग अभी लापता हैं।

सभी लोग नाव से मवेशियों के लिए चारा काटने सरेह की ओर जा रहे थे। इसी दौरान नाव पलट गई और यह हादसा हो गया। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी हुई है। वहीं पुलिस और गोताखोरों की मदद से डूबे हुए लोगों को निकालने की कोशिश जारी है।

एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद हैं। जबकि एसडीआरएफ की टीम पहुंच रही है। गोताखोर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। लापता हुए लोगों के परिजनों का बुरा हाल है। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी हुई है।

पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने देश में जातिगत जनगणना नहीं कराए जाने पर देशभर के नेताओं को चिट्ठी लिखकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस बारे में 13 मुख्यमंत्रियों समेत कुल 33 नेताओं को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि जाति आधारित जनगणना राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम है। उन्होंने अपनी चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी साझा की है। उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने अपने देश के कई वरिष्ठ नेताओं को सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना की चल रही मांग और उसके प्रति केंद्र में सत्तारूढ़ दल की उदासीनता के संदर्भ में हमारी साझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में लिखा है। #CasteCensus"

अपने दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, "जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। #CasteCensus की वांछनीयता के खिलाफ एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है। मैंने विभिन्न दलों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर बहुमत की साझा चिंता व्यक्त की।"

पटना: देश में जातीय जनगणना कराने की उठ रही मांगों के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये कह दिया है कि वो जातीय जनगणना नहीं कराएगी और ये उनका सोचा-समझा फैसला है। केद्र सरकार के इस रुख के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा ने भी जातीय जनगणना को लेकर दो प्रस्ताव पारित किए थे। इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम सभी ने पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी। तेजस्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के जवाब के बाद अब हम महागठबंधन की बैठक में इस पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा कि मैंने एक अखबार में देखा कि महाराष्ट्र की मांग पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा पेश किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे जाति-आधारित जनगणना की अनुमति नहीं देंगे।

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