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पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने देश में जातिगत जनगणना नहीं कराए जाने पर देशभर के नेताओं को चिट्ठी लिखकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस बारे में 13 मुख्यमंत्रियों समेत कुल 33 नेताओं को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि जाति आधारित जनगणना राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम है। उन्होंने अपनी चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी साझा की है। उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने अपने देश के कई वरिष्ठ नेताओं को सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना की चल रही मांग और उसके प्रति केंद्र में सत्तारूढ़ दल की उदासीनता के संदर्भ में हमारी साझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में लिखा है। #CasteCensus"

अपने दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, "जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। #CasteCensus की वांछनीयता के खिलाफ एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है। मैंने विभिन्न दलों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर बहुमत की साझा चिंता व्यक्त की।"

तेजस्वी यादव ने जिन नेताओं को खत लिखा है, उनमें कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल, नेशनल कॉन्फ्रेन्स प्रमुख फारुक अब्दुल्ला शामिल हैं।

लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने इनके अलावा उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव, जदनमोहन रेड्डीस नवीन पटनायक, हेमंत सोरेन, पी विजयन, अरविंद केजरीवाल, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल हैं। उन्होंने भाजपा को छोड़कर बिहार के दूसरे दलों के नेताओं को भी भी चिट्ठी लिखी है। तेजस्वी ने यह कदम तब उठाया है, जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर जातिगत जनगणना का विरोध किया है।

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