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पटना: बिहार में अलग से जातीय जनगणना कराने को लेकर विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विधानसभा के उनके कक्ष में मिला। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सभी दलों के नेताओं ने जातीय जनगणना कराने के लिए जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुलाकात के बाद पत्रकारों को तेजस्वी यादव ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि दो-चार दिनों के अंदर सर्वदलीय बैठक होगी।

सीएम से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना तय है। यह कैसे होगी? इस पर फैसला सर्वदलीय बैठक में होगी। केंद्र ने हमारी माँग को खारिज कर दिया है। ऐसे में बिहार सरकार द्वारा अपने खर्च पर जातीय गणना कराने की हमारी मांग पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है। इस विषय में शीघ्र ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। लालू प्रसाद के नेतृत्व में जातीय जनगणना को लेकर काफी पहले से संघर्ष किया जा रहा है, जिसमें विपक्ष की सभी पार्टियों ने भी सहयोग किया है।

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद की सर्जरी विफल रहने के बाद छह मरीजों की आंखें निकालने का मामला सामने आया है। इससे संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।इन मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 22 नवंबर को हुआ था। बताया गया है कि ऑपरेशन विफल रहने के बाद छह मरीजों की आंखें निकाल दी गईं। एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है। उनसे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने नोटिस पर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। 

आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने उन मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में छह मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। इन सभी ने मुजफ्फरपुर आई अस्पताल में 22 नवंबर को सर्जरी कराई थी। आंखों में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टरों को सर्जरी कराने वाले और मरीजों की भी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं।

पटना: बिहार विधानसभा परिसर में आज उस समय सनसनी फैल गई जब कैम्पस में शराब की कई ख़ाली बोतल मिलीं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव खुद उस जगह पर गए, जहां शराब की बोतलें मिलीं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे समय जब विधानसभा की सुरक्षा इतनी कड़ी हैं तब शराब के बोतलें मिलना साफ़ करता हैं कि बिहार राज्‍य में शराबबंदी नाकाम है। उन्‍होंने कहा कि बिहार विधानसभा में कितने धड़ल्‍ले से शराब की बोतल पहुंच गई। अगर बिहार विधानसभा में बोतल पहुंच गई तो सीएम को इस्‍तीफा दे देना चाहिए। जहां सीएम खुद बैठे हैं, वहां से यह स्‍थान 100 मीटर भी नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि बेराजगारी, चिकित्‍सा, पलायन आदि मामलों में इस सरकार ने बिहार को बदनाम कर दिया है।

इस बीच, सीएम नीतीश कुमार ने भी सदन में अपने जवाब में माना कि शराब को बोतल मिलने का मामला गंभीर है। सीएम ने 'यहां पर कैसे शराब की बोतल आई। ये मामूली बात नहीं हैं कोई गड़बड़ कर रहा है तो उसको छोड़ना नहीं चाहिए और सख़्त करवाई करना चाहिए।'

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य में शिक्षा की स्थिति पर सवाल उठाया है। नीति आयोग सहित मूल्यांकन करने वाली अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था, शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार देश में सबसे निचले पायदान पर है। उन्होंने बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। राज्य में विकास को लेकर कहा कि नीतीश कुमार को अब चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पटना से वापस दिल्ली जा रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए नीति आयोग की रिपोर्ट की चर्चा कर दी। उन्होंने सरकार की ओर से किये गये विकास कार्यों पर जमकर निशाना साधा।

इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने शराब तस्करी को लेकर नीतीश सरकार पर आक्रोश जताया था। आरोप लगाया था, चारों तरफ से शराब की तस्करी हो रही है और अब राजस्व भी हासिल नहीं हो पा रहा है।

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