पटना: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उचित कदम उठाने की मांग की है। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जेडीयू के नेता और बिहार के सीएम नीतीश ने लखीमपुर मामले को लेकर कहा, 'इस बारे में अखबार में देखे ही हैं, वहां पर लोग एक्शन करेंगे ही जो कुछ भी हुआ। उसके बारे में खबर आई हुई थी न्यूजपेपर्स में हमने देखा। यूपी की बात है वहां पर जो घटना हुई उसे लेकर उचित कदम उठाना चाहिए। फ्रंट लाइन पर ही था।' सीएम ने इसके साथ ही संवाददाताओं से सवाल किया कि यहां की कोई बात हो तो बताइए।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की।
गौरतलब है कि इससे पहले, जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी भी लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के कथित भड़काऊ भाषण की आलोचना कर चुके हैं। त्यागी का मानना है कि अगर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा विवेकपूर्ण तरीके से काम करते तो इस हिंसक घटना से बचा जा सकता था। त्यागी ने कहा था, '25 सितंबर 2021 को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाए गए थे। उसके बाद जिन लोगों ने काले झंडे दिखाए उनके घर पर पुलिस ने छापे डाले और केस दर्ज किया था। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) ने इस मसले पर 8 दिन पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। त्यागी ने कहा कि एलआईयू की रिपोर्ट के बाद भी जिला प्रशासन क्या करती रही? अजय मिश्रा ने एक सभा में यह भाषण दिया था कि "पलिया ही नहीं लखीमपुर खीरी तक छोड़ना पड़ जाएगा"... उन्होंने एक सभा के दौरान मंच से कहा था 'विरोध करने वालों को मैं सुधार दूंगा।'
जेडीयू के इस दिग्गज नेता ने कहा कि यह किसी जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री का भाषण नहीं हो सकता। अगर मंत्री महोदय विवेकपूर्ण तरीके से काम करते, तो इस घटना से बचा जा सकता था। किसानों के खिलाफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कथित विवादित बयान पर त्यागी ने कहा, 'सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोगों को समाज में अंतर्विरोध को घटाने का काम करना चाहिए, न कि भड़काने का।