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भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने के दो दिन बाद राज्यसभा के लिए पर्चा भर दिया है। सिंधिया के पर्चा दाखिल करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को सिंधिया के पर्चा दाखिला के दौरान बंगलूरू में रूके बागी विधायकों के भोपाल पहुंचने की संभावना थी। हालांकि, वे नहीं पहुंच सके। वहीं कमलनाथ ने दावा किया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए घमासान

भाजपा में शामिल होते ही सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। वहीं कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो ये दोनों दिग्गज नेता आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है।

भोपाल: मध्यप्रदेश में सियासी घटनाक्रमों के लगातार जारी रहने के बीच गुरुवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात कर एक पत्र सौंपा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधायकों की 'हॉर्सट्रेडिंग' का आरोप लगाया। तीन पेज का यह पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही कमलनाथ ने उन्हें राजनैतिक हालातों से अवगत कराया। कमलनाथ ने भाजपा द्वारा विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया है और राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वह 'बेंगलुरु में कैद में रखे गए विधायकों की रिहाई' सुनिश्चित करें। कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आगामी सत्र में फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया है।

स्पीकर ने विधायकों को जारी किया नोटिस

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी विधायकों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि उन्होंने इस्तीफा खुद दिया है और यह फैसला बिना किसी के दबाव में आए लिया गया है। प्रजापति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'विधायकों के दबाव में इस्तीफा नहीं देने की पुष्टि करना स्पीकर की जिम्मेदारी है।' सारी प्रक्रिया नियमों के तहत हो रही है और उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी।

भोपाल: भाजपा शामिल होने के बाद पहली बार भोपाल आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनके अंदर सिंधिया प​रिवार का खून है। उन्होंने कहा, 'आज का दिन मेरे लिए काफी भावनात्मक दिन है। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं कि यह परिवार (भाजपा) ने मेरे लिए दरवाजे खोले हैं और जहां पर मुझे पीएम मोदी जी, नड्डा साहब और अमित भाई का आशीर्वाद मिला।' उन्होंने भोपाल के भाजपा ऑफिस में कहा, “अगर प्रदेश में दो नेता हैं जो शायद अपनी कार में एसी ना चलाएं वो केवल शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। मेरी आशा है कि आप एक हैं और हम एक हैं और जब एक और एक मिल जाए तो 2 नहीं 11 होने चाहिए।”

ज्योतिरादित्य बोले- 1967 में मेरी दादी को ललकारा था

ज्योतिरादित्य ने कहा कि 1967 में कांग्रेस ने मेरी दादी को ललकारा था और उस वक्त क्या हश्र हुआ वह सबने देखा। ज्योतिरादित्य ने 1990 में हवाला कांड का भी लोगों के सामने जिक्र किया और कहा कि आज मुझे किसानों की आवाज उठाने पर ललकारा है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी के पाले में गेंद अब भी पूरी तरह से आती हुई नहीं दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरू में ठहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 10 विधायक और 2 मंत्री भाजपा में जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए आए थे, भाजपा में जाने के लिए नहीं। वहीं बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश भाजपा में भी अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। इसी बीच बेंगलुरु में मौजूद 19 विधायकों से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता सज्जन सिंह ने कहा कि इस्तीफा देने वाले ज्यादातर विधायक भाजपा में जाने को तैयार नहीं है। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह ने कहा, 'सिंधिया जी के साथ जाने के लिए कोई भी इस्तीफा देने वाले विधायक तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया है कि उन्हें गुमराह करके बेंगलुरु लाया गया। ज्यादातर विधायक भाजपा में शामिल होने को तैयार नहीं हैं।' 

मंगलवार को भाजपा कार्यालय में नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारे लगे थे, जिसे लेकर अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई। इसके साथ ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

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