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बंगलूरू: मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच बंगलूरू में मौजूद बागी कांग्रेसी विधायकों ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं है। उनका कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हम भोपाल लौटने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें केंद्रीय सुरक्षा दी जाए। वहीं भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इस पर अभी विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने पर कहा कि वह अपनी मर्जी से आए हैं।

बागी विधायकों ने कहा, 'हमें मजबूरी में साथ छोड़ना पड़ा। हम बंधक नहीं हैं, अपनी इच्छा से यहां आए हैं। सिंधिया पर हमला तो हम सुरक्षित कैसे हैं। हम सभी को केंद्रीय सुरक्षा मिलनी चाहिए। हम सभी ने मिलकर मध्यप्रदेश में सरकार बनाई थी। मुख्यमंत्री के पास हमारी बात सुनने का समय नहीं है। हम भाजपा में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। एमपी में मंत्रियों, विधायकों से शक्तिशाली अधिकारी हैं। हम लोगों को न्याय नहीं मिला है। राज्य को सबसे बड़ा माफिया चला रहे हैं।' बागी कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, राज्य में मुख्यमंत्री के लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दो चेहरे थे।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज शाम को राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन पहुंचकर मुलाकात की. कमलनाथ ने इस मुलाकात के बाद कहा कि ''मैंने अभी राज्यपाल महोदय से वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की है। आज बजट सत्र में उनके अभिभाषण पर उन्हें धन्यवाद अर्पित किया है। मैंने उन्हें कहा है कि संविधान के दायरे व नियम प्रक्रिया के तहत हम हर चीज में राजी हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि ''भाजपा बार-बार कहती है कि हमारे पास बहुमत नहीं है, फ्लोर टेस्ट की मांग करती है। तो हमने उन्हें कहा था कि भाजपा को लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। आज वे लाये हैं, उन्होंने स्पीकर के सामने प्रस्ताव पेश किया है। हम अपना बहुमत साबित करेंगे।''

सीएम कमलनाथ ने कहा कि ''साथ ही उन 16 बंधक विधायकों को भी सामने लाना चाहिए, उन्हें भी स्वतंत्र करना चाहिए। बहुमत को लेकर कोई कुछ भी कहे, हमारे पास आज बहुमत है और हम उसे साबित भी करेंगे।'' इससे पहले अपने पहले निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को पुन: एक पत्र लिखकर मंगलवार यानी 17 मार्च तक सदन में शक्ति परीक्षण करवाने एवं बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिए हैं।

भोपाल: अपने पहले निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पुन: एक पत्र लिखकर मंगलवार यानी 17 मार्च तक सदन में शक्ति परीक्षण करवाने एवं बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है। टंडन ने सोमवार (16 मार्च) को कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा, ''मेरे पत्र दिनांक 14 मार्च 2020 का उत्तर आपसे प्राप्त हुआ है। धन्यवाद। मुझे खेद है कि पत्र का भाव/भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है।"

राज्यपाल ने आगे लिखा, ''मैंने अपने 14 मार्च के पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था। आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ। मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा, परन्तु आपके द्वारा सदन का विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया और सदन की कार्यवाही दिनांक 26 मार्च तक स्थगित हो गई।" राज्यपाल ने कहा कि आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट टलने के बाद भाजपा ने सोमवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा ने याचिका दायर कर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 12 घंटों के भीतर विश्वास मत कराने संबंधी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है। इससे पहले कोरोना वायरस के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को केवल एक मिनट ही संबोधित किया और फिर वहां से चले गए।

सदन से जाने से पहले राज्यपाल ने विधायकों से संवैधानिक परम्पराओं का पालन करने, लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने और राज्य में मौजूदा स्थिति में शांतिपूर्वक कार्य करने का आग्रह किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही व्यापक जनहित में 26 मार्च तक स्थगित कर दी। इससे पहले सत्र के प्रारंभ में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के बाद विधायकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए थे। कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे।

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