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बेंगलुरू: मध्य प्रदेश की राजनीति में बीते कई दिनों से मची उथल-पुथल के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह आज (बुधवार) सुबह बेंगलुरु के होटल में मौजूद बागी विधायकों से मुलाकात करने पहुंचे। दिग्विजय को होटल के भीतर दाखिल नहीं होने दिया गया, जिसके बाद वह बाहर ही धरने पर बैठ गए। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु के रमाडा होटल पहुंचे थे। इसी होटल में कांग्रेस के 21 बागी विधायक हैं। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद दिग्विजय ने कहा कि विधायक उनसे बात करना चाहते हैं।

दिग्विजय ने कहा, 'मैं मध्य प्रदेश से कांग्रेस का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 मार्च को वोटिंग होनी है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है। वह मुझसे बात करना चाहते हैं। लेकिन उनके मोबाइल फोन को छीन लिया गया है।' कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलिस विधायकों से मुलाकात नहीं करने दे रही है और कह रही है कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। होटल के बाहर पार्टी समर्थकों के साथ धरने पर बैठे दिग्विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी सियासी गहमागहमी के बीच विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने आज (मंगलवार को) राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बताया है कि आखिर उन्होंने क्यों अभी तक कांग्रेस के 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है? स्पीकर ने बताया है कि अभी उनका इस्तीफा विचाराधीन है। स्पीकर ने अपनी चिट्ठी में लिखा, '16 विधायकों का इस्तीफा दूसरे लोगों के द्वारा भेजा गया। उन्हें नियम के मुताबिक उपस्थित होने के लिए कहा गया है, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। उन सभी का इस्तीफा अभी विचाराधीन है।' उन्होंने चिट्ठी में लिखा है, '16 में से कुछ विधायकों के परिजनों ने सुरक्षा की चिंता जताई है। मैं उनके बारे में काफी चिंतित हूं।'

इससे पहले मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एक बार फिर राजभवन पहुंचा। बीजेपी नेताओं की राज्यपाल लालजी टंडन के साथ इस पूरे मामले पर चर्चा की। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे।

भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एक बार फिर राजभवन पहुंचा। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन के साथ इस पूरे मामले पर चर्चा की। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा, 'प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल लालजी टंडन से भेंट की और अल्पमत की कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही संवैधानिक नियुक्तियों और अन्य निर्णयों पर रोक लगाने संबंधी ज्ञापन सौंपा।'

प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के अलावा अन्य नेता शामिल थे। भाजपा की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस कारण राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है। बीते तीन दिनों में राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से दो पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के लिए कहा गया, मगर उस पर अमल नहीं हुआ।राज्यपाल ने 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था और यह भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो माना जाएगा कि सरकार को बहुमत नहीं है।

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने आज सुनवाई की। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की बुधवार सुबह 10:30 पर सुनवाई होगी। इससे पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 16 मार्च को सदन में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।

शीर्ष अदालत में सोमवार को संबंधित अधिकारी के समक्ष इस मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया। इस याचिका में कहा गया है कि राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और विधानसभा के प्रधान सचिव को इस न्यायालय के आदेश के 12 घंटे के भीतर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया जाये। अधिवक्ता सौरभ मिश्रा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा के बाद कमल नाथ सरकार विश्वास खो चुकी है। इन 22 विधायकों में से छह के इस्तीफे अध्यक्ष पहले ही स्वीकार कर चुके हैं और अब मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में आ गयी है। ऐसी स्थिति में सरकार को सत्ता में रहने का कानूनी, नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।

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