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भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर उनकी बुआ और भारतीय जनता पार्टी की नेता यशोधरा सिंधिया ने खुशी जाहिर की है। ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्होंने कहा कि यह उनकी 'घर वापसी' है। मैं काफी खुश हूं और उन्हें बधाई देती हूं। यशोधरा सिंधिया ने कहा कि ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया ने जन संघ में रहते हुए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में उनकी उपेक्षा हो रही थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे, अब मिट गया हर फासला। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं।'

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा। इस्तीफा पत्र पर तिथि नौ मार्च की है। उन्होंने अपने स्टाफ के जरिए चिट्ठी भेजी। अपने इस्तीफा में उन्होंने कहा, 'अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना मेरा हमेशा से मकसद रहा है।

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद 19 सिंधिया समर्थक विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए छह मंत्रियों का बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र भेजा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई। इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया।

इस संदर्भ में राज्यपाल लालजी टंडन को मुख्यमंत्री की ओर से पत्र लिखा गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है। ज्ञात हो कि जिन 19 विधायकों ने सदस्यता से इस्तीफा भेजा है, उनमें यह मंत्री भी शामिल हैं। सिंधिया के कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश के 19 सिंधिया समर्थक विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय भेजे गए हैं। इन विधायकों ने एक साथ सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर भी साझा की है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों ने मंगलवार को राज्य के राज्यपाल को अपने इस्तीफे भेज दिए। इसमें छह मंत्री भी शामिल हैं। राजभवन के सूत्रों ने मीडिया को यह जानकारी दी। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया, 'हमें दो ईमेल के जरिए 14 विधायकों के इस्तीफे मिले हैं।' इन विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार का गिरना तय हो गया है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है। मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट के दौर से गुजर रही है। सिंधिया के समर्थक विधायकों के सोमवार को लापता होने के बाद से संकट और गहरा गया था। सिंधिया ने मंगलवार को अपनी आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने इस इस्तीफे में कहा है कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं और बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे।

भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराते जा रहे हैं। सियासी गहमागहमी के बीच आज (मंगलवार) सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान अमित शाह भी उनके साथ रहे। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु भेजने के लिए भाजपा ने चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था की थी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके आवास पर जा रहे दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक भेजने के लिए चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था की थी। उन्होंने इसके सबूत होने का भी दावा किया है। दिग्विजय सिंह ने इसे मध्य प्रदेश की जनता के साथ धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि कमलनाथ ने माफियों के खिलाफ कार्रवाई की। प्रदेश सरकार में कांग्रेस के कई मंत्रियों सहित 20 से अधिक विधायकों के बेंगलुरु जाने की खबर है। इनमें कई मंत्री भी शामिल हैं। इन विधायकों के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक बताया जा रहा है।

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