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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: क्रूज से मादक पदार्थ की बरामदगी मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल की महाराष्ट्र के चेम्बूर उपनगर स्थित उसके घर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने कहा, “37 वर्षीय प्रभाकर सैल की शुक्रवार शाम चेम्बूर स्थित उसके घर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि सैल को घाटकोपर के रजवाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकिस्कों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।

सैल के वकील तुषार खंडारे ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके मुवक्किल की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। उन्होंने कहा कि सैल के परिजनों को किसी साजिश की आशंका नहीं है। सैल ने क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी के गवाह केपी गोसावी का अंगरक्षक होने का दावा किया था।

मुंबई: महाराष्‍ट्र में शनिवार यानी आगामी दो अप्रैल से मास्‍क पहनना अनिवार्य नहीं होगा। कोविड के मामले में आई कमी के मद्देनजर राज्‍य में सभी कोविड-19 प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया गया है। दो अप्रैल से नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष गुड़ी पड़वा प्रारंभ हो रहा है। राज्‍य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मास्‍क के उपयोग की सलाह दी जाएगी लेकिन यह अब अनिवार्य नहीं होगा। मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऑफिस की ओर से यह एलान किया गया है। सीएम ऑफिस के ट्वीट के कहा गया है, "महाराष्‍ट्र में सभी कोविड प्रतिबंधों को खत्‍म किया जाएगा क्‍योंकि गुड़ी पड़वा प्रारंभ हो रहा है।

सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 'गुड़ी पड़वा नए साल की शुरुआत है। पुराने के स्थान पर नए काम की शुरुआत करने का दिन है। पिछले दो वर्षों से, हमने घातक कोरोना वायरस से सफलता पूर्वक लड़ाई लड़ी है और आज यह संकट मिटता जा रहा है।' मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में घोषणा की कि एक नई शुरुआत करने के लिए, आपदा प्रबंधन अधिनियम के साथ-साथ संक्रामक रोग निवारण अधिनियम के तहत कोरोना काल के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों को गुड़ी पड़वा (2 अप्रैल) से पूरी तरह से हटाया जा रहा है।

मुंबई: महाराष्ट्र गृह विभाग ने कोविड काल में लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े मामलों में दर्ज किए गए सभी केस को वापस लेने का फैसला किया है। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि गृह विभाग ने यह फैसला लिया है अब इसे इसी सप्ताह कैबिनेट में पेश किया जाएगा और जैसे ही मंजूरी मिल जाएगी वैसे ही फौरन केस वापस लेने शुरू कर दिए जाएंगे।

कोरोना वायरस की महामारी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया था। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए साथ ही सरकार ने कड़ी बंदिशें लगाई गईं और इनका उल्लंघन करने वालों पर मुकदमे दर्ज कर कानूनी शिकंजा भी कसा गया। अब लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े मामलों को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जिससे उन लोगों को राहत मिलेगी, जिनके खिलाफ कोरोना नियमों को तोड़ने के लिए केस दर्ज किए गए थे।

महाराष्ट्र गृह विभाग के इस फैसले उन लोगों के लिए किसी राहत से कम नहीं। जिन्होंने कोरोना नियमों का उल्लंघन किया था। नतीजतन उन पर कार्रवारी कर केस दर्ज किए गए।

मुंबई: महाराष्ट्रमें बिजली संकट गहरा सकता है। दरअसल, निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया है। राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी यूनियन से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार निजीकरण नहीं करने जा रही है। यूनियन नेताओं के साथ मंत्री ने आज दोपहर को बैठक आयोजित की थी, लेकिन हड़ताल वापस नहीं लेने से नाराज मंत्री ने आज की बैठक रद्द कर दी और हड़ताली कर्मचारियों पर मेस्मा लगाने की चेतावनी दी है।

देशव्यापी हड़ताल का सोमवार को मुंबई पर सीमित असर पड़ा और ज्यादातर सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहीं। महाराष्ट्र के बिजली क्षेत्र की इकाई के कर्मचारियों ने कार्रवाई के डर के बावजूद हड़ताल में भाग लिया। राज्य के बिजली मंत्री नितिन राउत के साथ कर्मचारियों ने बातचीत की। इसके अलावा सरकारी और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों और पुराने निजी क्षेत्र के बैंक कर्मियों ने आजाद मैदान में एक बैठक की। महाराष्ट्र राज्य बैंक कर्मी महासंघ ने एक बयान में कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में पांच हजार कर्मचारियों ने भाग लिया।

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