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मुंबई: महाराष्ट्रमें बिजली संकट गहरा सकता है। दरअसल, निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया है। राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी यूनियन से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार निजीकरण नहीं करने जा रही है। यूनियन नेताओं के साथ मंत्री ने आज दोपहर को बैठक आयोजित की थी, लेकिन हड़ताल वापस नहीं लेने से नाराज मंत्री ने आज की बैठक रद्द कर दी और हड़ताली कर्मचारियों पर मेस्मा लगाने की चेतावनी दी है।

देशव्यापी हड़ताल का सोमवार को मुंबई पर सीमित असर पड़ा और ज्यादातर सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहीं। महाराष्ट्र के बिजली क्षेत्र की इकाई के कर्मचारियों ने कार्रवाई के डर के बावजूद हड़ताल में भाग लिया। राज्य के बिजली मंत्री नितिन राउत के साथ कर्मचारियों ने बातचीत की। इसके अलावा सरकारी और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों और पुराने निजी क्षेत्र के बैंक कर्मियों ने आजाद मैदान में एक बैठक की। महाराष्ट्र राज्य बैंक कर्मी महासंघ ने एक बयान में कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में पांच हजार कर्मचारियों ने भाग लिया।

एक बयान में कहा गया कि महाराष्ट्र आवश्यक वस्तु सेवा प्रबंधन अधिनियम (मेस्मा) लागू करने की चेतावनी देने के एक दिन बाद राउत ने हड़ताल कर रहे कर्मियों के साथ डिजिटल माध्यम से एक बैठक की और उन्हें आश्वासन दिया कि किसी भी निगम का निजीकरण नहीं किया जाएगा। मंत्री के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मंत्री ने मंगलवार को कर्मचारियों के साथ आमने-सामने बातचीत करने को कहा है जिसमें उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

 

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