मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ईंधन पर वैट (मूल्य संवर्धित कर) जल्द ही कम करेगी। शिंदे ने विश्वास मत जीतने के बाद एक चर्चा का जवाब देते हुए सदन को सूचित किया कि ईंधन पर वैट कम करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल में लिया जाएगा। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में बतौर मुख्यमंत्री अपने पहले भाषण में एकनाथ शिंदे ने कहा, ”बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के आशीर्वाद से आज एकनाथ शिंदे ने शिवसेना-भाजपा सरकार की स्थापना की है।”
हालिया बगावत के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ”मेरे साथ पिछले 15-20 दिनों तक शिवसेना के 40 विधायक और निर्दलीय 11 विधायक, कुल 50 विधायकों ने मुझपर विश्वास रख इतना बड़ा निर्णय करने की हिम्मत दिखाई ...इसके लिए उन सभी साथियों को धन्यवाद।” शिंदे ने कहा, ”मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि आज में बतौर मुख्यमंत्री इस सभागृह में बोल रहा हूँ क्योंकि अगर महाराष्ट्र के अलग अलग घटनाओं को आप देखें तो लोकप्रतिनिधि विपक्ष से सत्ता की तरफ जाते हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन आज यह ऐतिहासिक घटना है जिसे देश और राज्य देख रहा है.. मुझे देवेंद्र जी ने बताया कि 33 देश इसे देख रहे हैं। इस घटना में सत्ता से हम विपक्ष की ओर गए ..... हमारे साथ में कई मंत्री थे, वो अपना मंत्रिपद छोड़ कर मेरे साथ आए, 50 विधायक मेरे साथ आए और मेरे जैसे एक कार्यकर्ता जो बालासाहेब और दिघे साहब का सैनिक है, उस पर इन्होंने विश्वास किया।”
सीएम शिंदे ने बगावत की वजहों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ”विधान परिषद चुनाव के दिन जिस तरह मुझसे बर्ताव किया गया उसे कई विधायकों ने देखा... जो बर्ताव किया गया वह मुझसे सहन नहीं हुआ, और मुझे साथी विधायकों के फोन आने लगे और उसके बाद सभी लोग साथ में चलने लगे... उस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन आया था, पूछ रहे थे कि कहां जा रहे हो, मैंने कहा कि पता नहीं। उन्होंने पूछा कि कब तक आओगे, मैंने कहा कि पता नहीं..।” अपने अतीत को याद कर एकनाथ काफी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए उन्होंने कभी अपने घर-परिवार के बारे में नहीं सोचा। “माँ पिता को समय नहीं दे पाया, मैं आता था तब वो सोए रहते थे और जब उठता था तब वो काम पर जाते थे.. शिवसेना को समय देने के वजह से मैं अपने बेटे श्रीकांत को समय नहीं दे पाया।”