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पुणे: हिंदू राष्ट्रवाद को फांसीवाद करार दिए जाने संबंधी आलोचना का परोक्ष रूप से जवाब देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत एक महान देश तो बनेगा ही बनेगा लेकिन इस प्रक्रिया में कोई हिटलर नहीं पैदा होगा। संत तुकाराम के जन्मस्थान डेहू में एक वैदिक स्कूल के उद्घाटन के मौके पर भागवत ने शुक्रवार को कहा, भारत विश्व के कुछ प्राचीन देशों में शामिल है और जब हम प्राचीन हैं तो शेष विश्व के लिए बड़े भाई की तरह हैं। आध्यात्मिकता की समृद्ध विरासत और महान संतों के मार्गदर्शन में हम विश्व नेता का दर्जा हासिल करेंगे। उन्होंने कहा, भारत को एक बड़ा और महान देश बनना ही है। बहरहाल, बड़े बनने की इस प्रक्रिया में कोई हिटलर पैदा नहीं होगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा, बुद्ध पैदा होंगे, शंकराचार्य पैदा होंगे और संत पैदा होंगे। हमारे पास सभी संसाधन हैं।

मुंबई: एक अदालत ने धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल की और हिरासत का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अनुरोध खारिज कर दिया और कहा कि इसके लिए पर्याप्त आधार नहीं बताए गए हैं। ईडी ने भुजबल की सात और दिन की हिरासत मांगी थी लेकिन धनशोधन रोकथाम कानून मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश पीआर भावके ने वरिष्ठ राकांपा पार्टी को 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा और कहा कि और हिरासत के लिए पर्याप्त आधार नहीं बताए गए। 14 मार्च को गिरफ्तार भुजबल अब यहां अति सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में बंद रहेंगे। भुजबल ने आज अदालत को बताया कि कुछ गवाहों के बयान झूठे और मनगढ़ंत कहानियों से भरे हैं। भुजबल परिवार के नियंत्रण वाले मुंबई शिक्षा न्यास (एमईटी) के कर्मचारी और एक गवाह के इस बयान पर कि उसने नकदी के बैग कार्यालय लाते हुए देखे, पर भुजबल ने सवाल किया कि वह वहां क्या कर रहा था।

मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने पुणे के वर्ष 2010 के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में एकमात्र दोषी हिमायत बेग को दी गई मौत की सजा को सुबूतों के अभाव में आज (गुरूवार) निरस्त कर दिया, लेकिन विस्फोटक सामग्री रखने के लिए उसे दी गई आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि की। न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति एस बी शुकरे की खंडपीठ ने कहा कि बेग को गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के सभी आरोपों और भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) तथा विस्फोटक सामग्री कानून की कुछ धाराओं से बरी किया जाता है। हालांकि अदालत ने विस्फोटक सामग्री कानून की धारा 5 (बी) के तहत उसे आरडीएक्स रखने का दोषी ठहराने और आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि की। अदालत ने मोबाइल फोन के सिम कार्ड खरीदने के लिए फर्जी दस्तावेज देने के लिए भादंसं की धारा 474 के तहत उसकी दोषसिद्धि की भी पुष्टि की। हाई कोर्ट ने कहा कि उसे इस मामले के दो गवाहों द्वारा दायर आवेदनों पर कोई आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसने बेग को उन आरोपों से बरी कर दिया है।

मुंबई: विजय माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर के मुंबई महानगर स्थिति मुख्यालय भवन ‘किंगफिशर हाउस’ की नीलामी आज (गुरूवार) खाली गयी। इस इमारत के लिए कोई बोली नहीं मिलने से बैंकों को इस बंद पड़ी एयरलाइन से अपने बकाया ऋणों को वसूल करने की कोशिश को झटका लगा है। माना जा रहा है कि इरारत पर मुकदमेबादी की आशंका और नीलामी में उंचे आरक्षित मूल्य के कारण खरीददार आगे नहीं आए। इस इमारत की नीलामी में न्यूनतम आरक्षित मूल्य 150 करोड़ रुपए रखा गया था। मुंबई के अंतर्देशीय हवाईअड्डे के पास विले पार्ले क्षेत्र में बनी इस इमारत का निर्मित क्षेत्र 17,000 वर्ग फुट है। इसकी नीलामी सुबह साढे ग्यारह बजे शुरू हुई थी। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम के लिए एसबीआई कैप्स द्वारा आयोजित इस नीलामी प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘कोई बोली लगाने वाला नही आया । मुझे लगता है कि न्यूनतम मूल्य ज्यादा होने के कारण ऐसा हुआ।’ उन्होंने कहा, किंगफिशर हाउस के लिए न्यूनतम मूल्य 150 करोड़ रपए तय किया गया था। सूत्रों ने बताया कि 17 सदस्यों वाला यह कंसोर्टियम जल्दी ही समीक्षा बैठक करेगा और इसमें न्यूनतम मूल्य पर भी चर्चा होगी।

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