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ठाणे: ठाणे में अपने ही परिवार के 14 सदस्यों की नृशंस हत्या के आरोपी हसनैन वारेकर पर 67 लाख रूपये का कर्ज था, जो उसने अपने संबंधियों से लिया था। इस हत्याकांड के जांचकर्ताओं ने आज (शनिवार) यह जानकारी दी। ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, हसनैन ने अलग-अलग मौकों पर कारोबार करने के बहाने अपने करीबी रिश्तेदारों से करीब 67 लाख रूपये का कर्ज लिया था। उन्होंने बताया कि हसनैन शेयर के कारोबार से भी जुड़ा था और पुलिस यह पता लगा रही है कि क्या उसे शेयर कारोबार में गहरा नुकसान हुआ था। अधिकारी ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर बताया कि पुलिस को यह भी पता चला है कि हसनैन ने वारदात से कुछ माह पहले समीपवर्ती माजावाड़ा इलाके में किराये पर एक कमरा लिया था लेकिन अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि उसने कमरा क्यों किराये पर लिया था। उन्होंने बताया कि फॉरेन्सिक रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है ताकि मामले में कई ब्यौरों की पुष्टि की जा सके।

नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नई पीढ़ी को मां भारती की शान में नारे लगाने का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी जेएनयू परिसर में कथित भारत विरोधी नारेबाजी पर उत्पन्न विवाद के आलोक में आई है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें नई पीढी से ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने को कहना होगा। यह युवकों के वास्तविक, स्वभाविक और सर्वांगीण विकास का हिस्सा होना चाहिए। जेएनयू विवाद का प्रत्यक्ष जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है क्योंकि कुछ ताकतें युवकों को ‘भारत माता की जय’ नहीं कहने की बात बता रही है। दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय फरवरी के प्रारंभ में तब सुखिर्यों में आ गया था जब संसद हमले के मुजरिम अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाये गए थे। पुलिस ने बाद में राजद्रोह का मामला दर्ज किया, जिसमें जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत तीन विद्यार्थी गिरफ्तार किये गये।

मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में अवैध होर्डिंग और बैनर न लगाने के उसके आदेशों का पालन नहीं करके राजनीतिक पार्टियां न्यायपालिका का मखौल उड़ा रही हैं। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस शालिनी फनसालकर जोशी की खंडपीठ ने कहा, 'एक साल से हम आदेश पारित कर राजनीतिक पार्टियों से कह रहे हैं कि वे अवैध बैनर-पोस्टर न लगाएं। लेकिन 90 फीसदी राजनीतिक पार्टियां इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इन आदेशों का पालन कोई नहीं कर रहा। वे हमारा मजाक बना रहे हैं।' अदालत राज्य भर में राजनीतिक पार्टियों की ओर से लगाए गए अवैध बैनरों, होर्डिंगों और पोस्टरों के मुद्दे पर कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा, 'हमें कड़ी कार्रवाई करनी होगी, तभी यह थमेगा। जैसे ही हमें लगेगा कि हमारे आदेश का उल्लंघन हुआ है, अवमानना नोटिस जारी किया जाएगा।' याचिकाकर्ता के वकील उदय वरुंजिकर ने अदालत को बताया कि 27 फरवरी को 'मराठी भाषा दिवस' मनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने कई पोस्टर लगाए थे। वहीं बृहन्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वकील अनिल सखरे ने भी अदालत को बताया कि देवनार इलाके में जब निगम अधिकारी एक बार अवैध होर्डिंग हटाने के लिए गए थे, तो उन्हें एक राजनीतिक पार्टी के सदस्यों ने पीटा था।

मुंबई: शिवसेना ने आज भाजपा से कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच के लिए ना कहने से सीख ले। साथ ही, पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी कहा कि भारतीय सरजमीं पर पाकिस्तानी कलाकारों के लिए पलक-पावड़े नहीं बिछाने चाहिए। शिवसेना ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि अच्छा होता कि राज्य में सत्ता में बैठे लोग महाराष्ट्र में टी-20 मैच कराने के बारे में बात नहीं करते। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा है, 'हम वीरभद्र सिंह का इस बात के लिए स्वागत करते हैं कि उन्होंने अपने राज्य में भारत-पाक के बीच टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच आयोजित किए जाने का विरोध किया। पठानकोट के जख्म और हमारे सैनिकों का खून अब भी ताजा हैं। देश के लोग उन नेताओं और बुकी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो क्रिकेट मैच और कलाकारों को देश में कार्यक्रम करने से नहीं रोक सकते।'

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