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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार तीसरे वर्ष में प्रवेश करने जा रही है और सहयोगी घटक शिवसेना द्वारा जब-तब छींटाकशी एवं आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के अभियान सहित कई आंतरिक एवं बाहरी चुनौतियों के बावजूद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की स्वच्छ छवि को सबसे अधिक सकारात्मक पहलू के तौर पर देखा जाता है। ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों ने पिछले दो साल में इस सरकार के कामकाज को ‘मिला-जुला’ बताया। फडणवीस के नेक इरादों और विकास पर जोर दिए जाने के बावजूद उनकी टीम की ओर से उचित सहयोग एवं जोर की कमी के चलते मुख्यमंत्री के प्रयासों के अपेक्षित नतीजे सामने नहीं आए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के साथ पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और 46 वर्षीय फडणवीस ने 31 अक्तूबर, 2014 को शपथ ग्रहण की थी । कुछ मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा जिसमें मंत्रिमंडल में दूसरे स्थान पर रहे एकनाथ खड़से को त्यागपत्र देना पड़ा। विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने हालांकि फडणवीस के व्यक्तिगत करिश्मे और बेदाग प्रतिष्ठा को मानने इनकार करते हुये उन पर आरोप लगाया है कि वह आरोपों का समाना कर रहे अपने कुछ सहयोगियों की रक्षा कर रहे हैं। समीक्षकों का कहना है कि फडणवीस के पक्ष में एक और अच्छी बात यह है कि उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास प्राप्त है जो खडसे प्रकरण से साबित हो गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उरी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को दुनिया भर में अलग थलग करने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने (सत्ता में आने के बाद) शांति के लिए रूख अपनाया था। लेकिन उरी हमले के बाद आक्रोश का माहौल था। हालांकि (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के) लक्षित हमलों के बाद हमारे देश ने दिखा दिया कि अगर हम पर हमला हुआ तो हम पलटवार कर सकते हैं। उन्होंने (मोदी) सफलतापूर्वक पाकिस्तान को दुनिया भर में अलग थलग कर दिया।’ फडणवीस ने उरी हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र के चार जवानों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए की वित्तीय मदद देने के लिए मुंबई जिला सहकारी बैंक (एमडीसीबी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।

मुंबई: ‘ए दिल है मुश्किल’ के निर्माताओं और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच ‘मध्यस्था’ को लेकर हमले झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि उन्होंने निर्माताओं की ओर से सेना कल्याण कोष में पांच करोड़ देने की पेशकश का विरोध किया था। करण जौहर की फिल्म पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान को लेने की वजह से मनसे कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना कर रही थी। फिल्म को 28 अक्तूबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होना है और पिछले हफ्ते फड़णवीस की मध्यस्थता में फिल्म प्रोड्यूसर्स गिल्ड, निर्माता और मनसे के ठाकरे के बीच बैठक में फिल्म की रिलीज सुनिश्चित की गई। बैठक में एक प्रमुख मांग को स्वीकार कर लिया गया कि फिल्म के निर्माता सेना कल्याण कोष में पांच करोड़ रूपये का योगदान देंगे। फड़णवीस ने कल रात अपने आवास वर्षा में कहा, ‘ ठाकरे ने तीन मांगें रखी थी जिनमें से दो मांगों पर कोई आपत्ति नहीं थी। जब पांच करोड़ रूपये का मुद्दा आया तो मैंने हस्तक्षेप किया और फिल्म प्रोड्यूसर्स गिल्ड को साफ किया कि उन्हें इसपर सहमत होने की जरूरत नहीं है। मैंने उनसे यह भी कहा कि योगदान स्वैच्छिक होना चाहिए। बहरहाल, इसे स्वीकार करना निर्माताओं का फैसला था।’ न्होंने कहा, ‘मैंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमारे शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा होने का गिल्ड का फैसला अच्छा है लेकिन इसमें बाध्यता नहीं है।

पुणे: महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने मुंबई में हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थल पर महिलाओं को प्रवेश देने के ट्रस्ट के फैसले को ‘प्रार्थना करने वाली महिलाओं तथा भारतीय संविधान की जीत’ बताया। भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड प्रमुख तृप्ति ने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया था। तृप्ति ने सोमवार को कहा, ‘उच्चतम न्यायालय और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहीं महिला संगठनों के दबाव के कारण हाजी अली दरगाह के न्यासियों को यह फैसला लेना पड़ा।’ तृप्ति ने कहा, ‘हम सबरीमाला मंदिर के न्यासियों से हाजी अली दरगाह से प्रभावित होकर महिलाओं को गर्भ गृह तक जाने की अनुमति देने का अनुरोध करते हैं।’ उन्होंने कहा कि उन्हें जैसे ही उच्चतम न्यायालय का आदेश प्राप्त होगा, वे मन्नत मांगने दक्षिण मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह जाएंगी। दरगाह ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि महिलाओं को पुरुषों की तरह हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थल पर जाने की अनुमति दी जाएगी।

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