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पुणे: महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने मुंबई में हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थल पर महिलाओं को प्रवेश देने के ट्रस्ट के फैसले को ‘प्रार्थना करने वाली महिलाओं तथा भारतीय संविधान की जीत’ बताया। भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड प्रमुख तृप्ति ने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया था। तृप्ति ने सोमवार को कहा, ‘उच्चतम न्यायालय और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहीं महिला संगठनों के दबाव के कारण हाजी अली दरगाह के न्यासियों को यह फैसला लेना पड़ा।’ तृप्ति ने कहा, ‘हम सबरीमाला मंदिर के न्यासियों से हाजी अली दरगाह से प्रभावित होकर महिलाओं को गर्भ गृह तक जाने की अनुमति देने का अनुरोध करते हैं।’ उन्होंने कहा कि उन्हें जैसे ही उच्चतम न्यायालय का आदेश प्राप्त होगा, वे मन्नत मांगने दक्षिण मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह जाएंगी। दरगाह ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि महिलाओं को पुरुषों की तरह हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थल पर जाने की अनुमति दी जाएगी।

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