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मुंबई: समाजसेवी अन्ना हजारे एकबार फिर अनशन पर बैठ गए है। अन्ना हजारे ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर लोकपाल नियुक्त करने और राज्य में लोकायुक्त कानून बनाने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए ये भूख हड़ताल शुरू की है। इससे पहले हजारे ने आज सुबह अपने गांव रालेगण सिद्धी के पद्मावती मंदिर में की। इसके बाद उन्होंने छात्रों, युवाओं और किसानों के साथ यादवबाबा मंदिर तक यात्रा निकाली और फिर वहीं नज़दीक में भूख हड़ताल पर बैठ गए। अन्ना हजारे का कहना है कि उनकी यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तब सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे लोकायुक्त क़ानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती।
आपको बता दें कि इससे अन्ना हजारे ने कहा था कि, ‘ये मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरुद्ध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए बार-बार मैं आंदोलन करता आया हूं, उसी प्रकार का ये आंदोलन है।’ वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और सरकार तथा अन्ना हजारे के बीच दूत की भूमिका निभा रहे गिरीश महाजन ने मंगलवार को अन्ना से भूख हड़ताल को रद्द करने की अपील की थी।
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मुंबई: लोकपाल की नियुक्ति के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन करने जा रहे हैं। महाराष्ट्र के अपने गांव रालेगण सिद्धि में वह आज सुबह 10 बजे अनशन पर बैठेंगे। अन्ना ने मंगलवार को कहा कि मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के खिलाफ नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए बार-बार मैं आंदोलन करता आया हूं, उसी प्रकार का ये आंदोलन है। केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोकपाल कानून बने 5 साल हो गए और सरकार पांच साल से सिर्फ बहानेबाजी करती आ रही है। बता दें कि 2011-12 में हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान पर तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था।
लोकपाल का नाम सुझाने के लिए गठित समिति की पहली बैठक हुई
भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के सदस्यों को चुनने के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक की। मोदी सरकार द्वारा इस समिति का गठन किए जाने के करीब चार महीने बाद यह बैठक हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने और जोर-शोर से किसानों का मुद्दा उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, भाजपा से गठबंधन का मुद्दा मुझ पर छोड़ दें। उद्धव के करीबी सहयोगी हर्षल प्रधान ने पार्टी प्रमुख के हवाले से मंगलवार को कहा कि शिवसेना की प्रतिबद्धता राज्य के लोगों के प्रति है।
उद्धव ने सोमवार को बांद्रा स्थित अपने आवास मातोश्री पर शिवसेना के सांसदों और विधायकों से मुलाकात की। उद्धव को उद्धृत करते हुए प्रधान ने कहा, शिवसेना पूरी ताकत के साथ यह चुनाव लड़ेगी। सभी मौजूदा सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अगर उन्हें लगता है कि वे जीत नहीं पाएंगे तो दूसरों के लिए रास्ता छोड़ दें। प्रधान के मुताबिक, शिवसेना के अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन के मुद्दे को उन पर छोड़ दें।
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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शिवसेना के ''बड़े भाई होने के दावे के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना से गठबंधन के लिए कोई उतावली नहीं है। वह जालना में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी समिति की एक दिवसीय बैठक के समापन भाषण में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ''भाजपा शिवसेना के साथ गठबंधन चाहती है लेकिन हम इसके लिए कोई उतावले नहीं हैं। हम हिंदुत्व के संरक्षक के तौर पर गठबंधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत ताकत चाहते हैं।
शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में एक सवाल के जवाब में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिवसेना एनडीए का हिस्सा है और सरकार में भी शामिल है। उन्होंने कहा, "हमने 2014 का लोकसभा चुनाव साथ में मिलकर लड़ा था। हम महाराष्ट्र में सरकार में सहयोगी हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भी सरकार में हैं।" जावड़ेकर ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ी थी। तब भाजपा 26 सीटों पर और शिवसेना 22 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी थी। इस गठबंधन ने 48 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
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