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मुंबई: समाजसेवी अन्ना हजारे एकबार फिर अनशन पर बैठ गए है। अन्ना हजारे ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर लोकपाल नियुक्त करने और राज्य में लोकायुक्त कानून बनाने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए ये भूख हड़ताल शुरू की है। इससे पहले हजारे ने आज सुबह अपने गांव रालेगण सिद्धी के पद्मावती मंदिर में की। इसके बाद उन्होंने छात्रों, युवाओं और किसानों के साथ यादवबाबा मंदिर तक यात्रा निकाली और फिर वहीं नज़दीक में भूख हड़ताल पर बैठ गए। अन्ना हजारे का कहना है कि उनकी यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तब सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे लोकायुक्त क़ानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती।

आपको बता दें कि इससे अन्ना हजारे ने कहा था कि, ‘ये मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरुद्ध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए बार-बार मैं आंदोलन करता आया हूं, उसी प्रकार का ये आंदोलन है।’ वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और सरकार तथा अन्ना हजारे के बीच दूत की भूमिका निभा रहे गिरीश महाजन ने मंगलवार को अन्ना से भूख हड़ताल को रद्द करने की अपील की थी।

उन्होंने दावा किया था कि अन्ना की लगभग सभी मांगों को पूरा किया जा चुका है।

आपको बता दें कि 2011-12 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान पर तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था। उस आंदोलन में शामिल कई चेहरे अब राजनीति में आ चुके हैं लेकिन अन्ना एक बार फिर अनशन पर बैठने जा रहे हैं। हालांकि इस बार आंदोलन का केंद्र दिल्ली न होकर अन्ना का अपना गांव रालेगण सिद्धि ही है।

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