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मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन में हमेशा ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहेगी और भाजपा की तरफ से इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और संसद में मुख्य सचेतक संजय राउत ने कहा कि पार्टी यह भी चाहती है कि आयकर सीमा भी 2.5 लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दी जाए। राउत ने जोर देकर कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र में बड़ा भाई है (भाजपा और दूसरे दलों के साथ गठबंधन में) और बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से शिवसेना के साथ गठबंधन के लिये कोई प्रस्ताव नहीं है। जो लोग हमसे गठबंधन के इच्छुक हैं वो इसके बारे में बात कर रहे हैं। हम किसी प्रस्ताव के हमारे पास आने का इंतजार नहीं कर रहे हैं। लंबे समय तक साझेदार भाजपा और शिवसेना में 2014 तक यह समझ थी जिसके तहत भाजपा राज्य में लोकसभा की ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती थी और शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा की ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती थी। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में हालांकि यह गठबंधन खत्म हो गया।

जब भाजपा ने मजबूत मोदी लहर पर सवार होकर अकेले महाराष्ट्र में चुनाव लड़ा 122 सीटों पर जीत हासिल की जबकि शिवसेना को महज 63 सीटों पर जीत मिली थी।

विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच मतभेद उस वक्त ज्यादा तल्ख हो गये, भाजपा के स्टार प्रचार पीएम मोदी ने शिवसेना को हफ्ता पार्टी बताकर मतदाताओं से सबक सिखाने की अपील की। विधानसभा के पहले सत्र में शिवसेना ने विपक्षा की भूमिका अदा की। विश्वास मत भाजपा राकांपा की रणनीति के चलते हासिल करने में सफल हुई थी। बाद दोनों दलों के बीच फिर साझा सरकार चलाने पर सहमति बनी। तब राज्य और केंद्र की सत्ता में भागीदार होने के बावजूद शिवसेना  लगातार पीएम मोदी पर आक्रामक रूख अख्तियार किये हुए है।

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