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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

मुंबई: सीबीआई ने शुक्रवार को इंद्राणी मुखर्जी की अंतरिम जमानत याचिका का यह कहकर विरोध किया कि उनको स्वास्थ्य की कोई समस्या नहीं है। सीबीआई ने कहा कि मुखर्जी को स्वास्थ्य की ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसके चलते जेल के अंदर उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा हो। वह अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में आरोपी हैं। मुखर्जी अगस्त 2015 से ही बायकला जेल में बंद हैं। उन्होंने महामारी को देखते हुए अस्थायी तौर पर जमानत देने की मांग की थी। उनकी जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि उनको स्वास्थ्य की कोई बड़ी समस्या नहीं है, जिससे उनमें वायरस के संक्रमण का खतरा हो। 

सीबीआई ने यह भी कहा कि जेल के अधिकारी सभी कैदियों की उचित देखभाल कर रहे हैं।  एजेंसी ने कहा कि अगर उन्हें रिहा किया गया तो वह उन गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं, जिनसे अभी जिरह नहीं हुई है। सीबीआई ने कहा कि वह विदेशी नागरिक हैं और अस्थायी जमानत की हकदार नहीं हैं। इसने कहा कि अगर आरोपी को रिहा किया गया तो वह फरार हो सकती हैं।

नई दिल्ली: केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने गुरुवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी बेटी और डीएचएफएल के प्रमोटर और नॉन एग्जक्यूटिव डायरेक्टर कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। करीब 100 पन्ने का इस आरोप पत्र में डीओआईटी अरबन वेंचर्स लिमिटेड का नाम शामिल है जबकि डीएचएफएल को अभियुक्त के तौर पर बताया गया है। यस बैंक की तरफ से संदिग्ध लोन जारी किए जान के बाद सीबीआई की तरफ से यह केस 7 मार्च को दर्ज किया गया था। इसके साथ ही, बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ एक दूसरे को फायदा पहुंचाने का आरोप है।

यस बैंक की तरफ से डीएचएफएल के शॉर्ट लघु ऋण में करीब 3,700 करोड़ के निवेश और डीएचएफएल द्वारा डीओआईटी अरबन वेंचर्स लिमिटेड को दिया गया छह सौ करोड़ रुपए के लोन जांच के घेरे में था। डीओआईटी अर्बन वेंचर्स लिमिटेट वास्तव में राणा कपूर की बेटियों की कंपनी है। ऐसा माना जाता है कि डीएफएचल द्वारा कंपनी को दिया गया 600 करोड़ रुपये का लोन राणा कपूर को डीएचएफएल के डिबेंचर में पैसा लगाने के बदले दी गई रिश्वत थी।

मुंबई: महाराष्ट्र में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4841 नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे में 192 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 6931 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में अभी तक 1,47,741 कोरोना केस सामने आ चुके हैं। वहीं, राज्य में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 63342 पहुंच गई है। हालांकि महाराष्ट्र के लिए थोड़ी राहत की बात ये रही है कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 3661 लोग ठीक भी हुए हैं। जबकि अभी तक कुल ठीक हुए मरीजों की बात करें तो वो 77,453 है। राज्य में कोरोना मृत्यू दर 4.69 फीसदी पर पहुंच गया है।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार एंटीजेन जांच करवाएगी जिससे चौबीस घंटे की बजाय एक घंटे में ही कोविड-19 जांच के नतीजे मिल जाएंगे। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में जल्द ही एक लाख एंटीजेन जांच उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा, खरीदारी के आदेश दे दिए गए हैं।

पुणे: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि पार्टी के विधान परिषद सदस्य गोपीचंड पडलकर ने राकांपा प्रमुख और अनुभवी नेता शरद पवार पर जो टिप्पणी की वह समुचित नहीं है और भावनाओं में बहकर की गई थी। आज दिन में पडलकर ने पवार को कोरोना बताते हुए कहा था कि उन्होंने पूरे महाराष्ट्र को संक्रमित कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोलापुर में संवाददाताओं से कहा, वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना समुचित नहीं है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा, मैंने पडलकर से बात की। मैंने उनसे कहा कि, हालांकि पवार साहब हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन वह हमारे दुश्मन नहीं हैं। मैंने उनसे कहा कि पवार साहब को भूल भी जाओ तो किसी भी वरिष्ठ नेता के खिलाफ ऐसी टिप्प्णी करना समुचित नहीं है। उन्होंने कहा, अगर कोई अपना विरोध दर्ज कराना चाहता है तो उसके लिए उचित शब्दों का चयन और उपयोग करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि पडलकर ने स्वीकार किया कि उन्होंने भावना में बहकर यह टिप्पणी की।

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