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मुंबई: शिवसेना ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरएफजी) को चीनी दूतावास से धन मिलने संबंधी आरोपों के लिए भाजपा पर शनिवार को निशाना साधा और यह पूछा कि क्या यह मुद्दा किसी भी प्रकार से पड़ोसी मुल्क के लद्दाख पर अतिक्रमण और 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की शहादत से जुड़ा हुआ है। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने गुरुवार को कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरजीएफ ने चीनी दूतावास से दान लिया था। कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि भाजपा ने आरजीएफ का जो मुद्दा उठाया है वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) संकट से ध्यान भटकाने के लिए ‘‘गढ़े हुए आरोप'' और ‘‘भटकाने का तरीका'' है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में लिखा, ‘‘इस बात से आपका क्या मतलब है कि कांग्रेस को चीन से पैसा मिलता है? चीन के आक्रमण के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका जवाब देने के बजाए भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर चीन से धन लेने के आरोप लगाए।'' संपादकीय में कहा गया, ‘‘क्या दान लेने के भाजपा के खुलासे से चीन की सीमा पर गतिविधियां रुक जाएंगी?

सतारा (महाराष्ट्र): चीन के साथ गतिरोध को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप के बीच पूर्व रक्षा मंत्री एवं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार (27 जून) को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि चीन ने 1962 के युद्ध के बाद भारत के लगभग 45,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। पवार की टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस आरोप पर आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की आक्रामकता के चलते भारतीय क्षेत्र उसे सौंप दिया। राकांपा नेता ने कहा कि लद्दाख में गलवान घाटी की घटना को रक्षा मंत्री की नाकामी बताने में जल्दबाजी नहीं की जा सकती क्योंकि गश्त के दौरान भारतीय सैनिक चौकन्ने थे।

यहां पत्रकारों से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पूरा प्रकरण ''संवेदनशील" प्रकृति का है। गलवान घाटी में चीन ने उकसावे वाला रुख अपनाया। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत संपर्क उद्देश्यों के लिए अपने क्षेत्र के भीतर गलवान घाटी में एक सड़क बना रहा था।

मुंबई: मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने कहा कि पिछले 15 दिनों में यहां कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर उत्तर मुंबई के घनी आबादी वाले इलाकों और झुग्गी बस्तियों में इमारतों को सील किया जाएगा। शुक्रवार को उत्तरी मुंबई का दौरा करने के दौरान पुलिस आयुक्त ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे यहां घनी आबादी को कारण बताया। उत्तरी मुंबई में दहीसर, बोरिवली, मलाड, चारकोप और कांदिवली जैसे इलाके आते हैं तथा यहां पिछले 15 दिनों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं।

उन्होंने बताया कि झुग्गी बस्तियों और अन्य घनी आबादी वाले स्थानों पर स्थित इमारतों में कई मामले सामने आए हैं। पुलिस ऐसी इमारतों को सील कर रही है और इन कदमों के नतीजे अगले कुछ दिनों में दिखाई देंगे। सिंह ने बताया कि शहर में अभी 750 निषिद्ध क्षेत्र हैं जिनमें से 300 अकेले उत्तरी मुंबई में स्थित हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस ने संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित 27 क्षेत्रों की पहचान की है और इन इलाकों में सख्त लॉकडाउन लगाया गया है।

नासिक: साल 1993 में हुए मुंबई सीरियल बम धमाके के दोषी यूसुफ मेनन की शुक्रवार को महाराष्ट्र की नासिक रोड जेल में मौत हो गई। इस मामले के मुख्य आरोपी टाइगर मेमन का भाई यूसुफ उम्रकैद की सजा काट रहा था। उस पर सीरियल धमाकों की साजिश में शामिल होने का आरोप था। उसकी मौत की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। यूसुफ मेमन को साल 2007 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। पहले वह मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बंद था। साल 2018 में उसे नासिक की जेल में भेज दिया गया था। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उसकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। 

बता दें कि साल 1993 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक के बाद हुए 12 बम धमाकों से कांप उठी थी। 12 मार्च को दो घंटे और 10 मिनट के अंदर हुए इन 12 धमाकों की चपेट में आकर करीब 317 लोग मारे गए थे। इस धमाके में अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का नाम भी आया था। इसी घटना के बाद दाऊद भारत छोड़ कर भाग गया था। 

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