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मुंबई: मुंबई की अलीबाग सत्र न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी से पूछताछ करने के लिए अनुमति दे दी है। लाइव लॉ न्यूज वेबसाइट के मुताबिक अदालत ने सोमवार को मुंबई पुलिस से कहा है कि वो तलोज जेल में हर दिन तीन घंटे पूछताछ कर सकती है। मुंबई पुलिस ने कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से अर्नब गोस्वामी को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजने की मांग की थी।

वहीं, सोमवार को इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बाम्बे उच्च न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी चैनल के एडीटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को सोमवार को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि आरोपी (गोस्वामी) इसके लिए निचली अदालत में जा सकते हैं और संबद्ध अदालत निश्चित समय सीमा में उनकी अर्जी पर सुनवाई करेगी। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर आरोपी अपराध दंड संहिता की धारा 439 के तहत सत्र न्यायालय की शरण में जाता है तो इसे एक बाधा के रूप में नहीं लिया जाएगा।

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से बात की और गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर अपनी चिंता से अवगत कराया। उन्होंने गृह मंत्री से गोस्वामी के परिवार को भी उनसे मिलने की अनुमति देने के लिए कहा। ये जानकारी राजभवन की ओर से आई है।

बता दें कि अर्नब गोस्वामी के एक वीडियो में वे हाथ जोड़कर कहा था-“मैंने उनसे अनुरोध किया था कि कृपया मुझे (मेरे वकीलों से) बात करने दें। लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। मैं सभी को बता रहा हूं कि मेरा जीवन दांव पर है। मेरी पुलिस हिरासत खारिज कर दी गई। उन्होंने मुझे रात में ही शिफ्ट करने की कोशिश की। आज सुबह उन्होंने मुझे घसीटा है। हर कोई देख रहा है कि मेरे साथ क्या हो रहा है। वे प्रक्रिया में देरी करना चाहते हैं और मुझे जेल में रखना चाहते हैं। कृपया मुझे जमानत दें, मैं सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रहा हूं।”

मुंबई: रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को अभी जेल में ही रहना होगा। सोमवार को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा। इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किए गए अर्नब गोस्वामी को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। अर्नब के अलावा दो अन्य आरोपियों ने ने अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी। 4 नवंबर को रायगढ़ पुलिस ने अर्नब को गिरफ्तार कर लिया था।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट की ओर से असाधारण क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल का कोई केस नहीं बनाया गया था और रेग्युलर बेल के लिए विकल्प उपलब्ध है। बेंच ने कहा कि इसने साफ कर दिया है कि याचिकाकर्ता के लिए अन्य विकल्प मौजूद हैं। बेंच ने एक बार फिर दोहराया कि याचिकाकर्ता सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जहां 4 दिन में आवेदन पर फैसला लिया जाएगा। 

मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को मुखपत्र सामना में अमेरिका के राष्ट्रपति और बिहार विधानसभा चुनाव पर संपादकीय लिखकर बीजेपी और नीतीश कुमार पर हमला बोला है। संपादकीय में शिवसेना ने डोनाल्ड ट्रंप पर वार करते हुए कहा है कि अमेरिका के लोगों ने चार साल में ही अपनी गलती सुधार ली। बिहार में भी उसी तरह के लक्षण साफ दिखाई दे रहे हैं। भारत अगर डोनाल्ड ट्रंप की हार से कुछ सीखता है तो फिर ठीक है।  

डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने संपादकीय में लिखा, ''अमेरिका की जनता उनकी वानरचेष्टा और लफ्फाजी के फरेब में आ गई लेकिन उसी ट्रंप के बारे में की गई गलती को अमेरिकी जनता ने सिर्फ 4 सालों में सुधार दिया। इसके लिए वहां की जनता का जितना अभिनंदन किया जाए, उतना कम है। ट्रंप के स्वागत के लिए हमारे देश में पलक-पांवड़े बिछा दिए गए थे, इसे नहीं भूलना चाहिए। गलत आदमी के साथ खड़े रहना हमारा कल्चर नहीं है। लेकिन ऐसा किया जा रहा है। ट्रंप की हार से कुछ सीखा जा सके तो ठीक है, इतना ही कहा जा सकता है।'' 

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