ताज़ा खबरें
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

पालघर: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है। प्रतिमा ढहने को लेकर इससे पहले कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था। कांग्रेस ने पूछा था कि क्या प्रधानमंत्री इसको लेकर माफी मांगेंगे?

दरअसल, 26 अगस्त को 35 फूट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई, जिसके बाद ही राज्य में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी तेज हो गई। कांग्रेस ने पीएम मोदी तो शिवसेना (यूबीटी) ने राज्य सरकार पर निशाना साधा था।

वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा, जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, तो मैंने सबसे पहले रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी। उन्होंने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज अराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, मैं सिर झुकाकर मेरे अराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में माथा रखकर माफी मांगता हूं।

मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटील को गिरफ्तार कर लिया है। पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार रात को चेतन पाटिल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद सिंधुदुर्ग पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।

कुछ दिनों पहले पुलिस ने मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट (संरचनात्मक सलाहकार) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। महज आठ महीने बाद प्रतिमा ढहने से शिंदे सरकार की काफी आलोचना भी हुई है।

बुधवार को चेतन पाटिल ने कहा था कि वो इस प्रजोक्ट में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट नहीं थे। मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए पाटिल ने कहा था कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन वो सीधे तौर पर इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़े थे।

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने तटीय कोंकण के मालवन में सतरहवीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के कारणों की जांच और नई प्रतिमा के निर्माण के लिए एक तकनीकी समिति गठित कर दी है। समिति में इंजीनियर्स, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं।

दरअसल, आधी रात के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक एक विज्ञप्ति जारी की गई। इसमें कहा गया कि सरकार ने योद्धा राजा की प्रतिष्ठा के अनुरूप एक भव्य प्रतिमा बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई में अपने आधिकारिक आवास वर्षा में वरिष्ठ मंत्रियों, नौकरशाहों और नौसेना अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद ही समिति गठित करने का फैसला लिया गया।

मामले में 35 फुट ऊंची मूर्ति के ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर लोक निर्माण विभाग की एक शिकायत के बाद दर्ज की गई है। जिसमें दावा किया गया है कि मूर्ति का निर्माण घटिया गुणवत्ता का था। इसमें इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट जंग खाए हुए पाए गए।

मुंबई: सिंधु दुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं कर सकती। जब भी किसी मूर्ति का निर्माण किया जाता है, तो राज्य अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जब कोई प्रधानमंत्री किसी प्रतिमा का उद्घाटन कर रहा हो तो उसे प्रमाणित करने की जरूरत होती है। लेकिन लोकसभा चुनाव की जल्दबाजी में मूर्ति का उद्घाटन कर दिया गया। पीएम ने अपराध किया है।

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण प्रतिमा ढह गई।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख