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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा

जयपुर: भाजपा सांसद एवं जानीमानी अभिनेत्री हेमामालिनी का कहना है कि वह जब चाहें, तब मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन उन्हें इसकी इच्छा नहीं है, क्योंकि वे बंधना नहीं चाहतीं इससे मेरा फ्री मूवमेंट रूक जायेगा। उत्तरप्रदेश के मथुरा से भाजपा सांसद और अभिनेत्री ने बांसवाड़ा प्रवास के दौरान यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि यदि उन्हें मौका मिलें तो क्या वें मुख्यमंत्री बनेगीं। कल शाम बांसवाड़ा में संवाददाताओं से बातचीत में हेमामालिनी ने कहा कि 'मुझे इसका शौक नहीं है.....यदि मैं बनना चाहूं तो मैं एक मिनट में बन सकती हूं, लेकिन इससे मैं बंध जाऊंगी, और इससे मेरा फ्री मूवमेंट रूक जायेगा।

अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र 'कृष्ण नगरी' के 'बृजवासी' लोगों के लिये काम करना बहुत अच्छा लगता है। हेमामालिनी ने कहा कि उन्हें बालीवुड में मिली प्रसिद्धि की वजह से जाना जाता है और उन्हें सासंद बनाने में इस प्रसिद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में गो तस्करी के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने के मामले में पुलिस की लापरवाही उभर कर सामने आयी है, जिसके बाद सोमवार को चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। हालांकि पुलिस ने कहा कि यह 'हिरासत में मौत' का मामला नहीं है, जो कुछ भी हुआ वह स्थानीय पुलिस की स्थिति को निपटने में लिये गये निर्णय की त्रुटि के कारण हुआ। ​स्थानीय पुलिस पर लगे आरोपों की जांच के लिये पुलिस महानिदेशक ओ पी गलहोत्रा ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।

समिति ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए रामगढ़ पुलिस थाने के उस समय के प्रभारी सहायक पुलिस उपनिरीक्षक मोहन सिंह को निलंबित कर दिया और तीन पुलिस कर्मियों को पुलिसलाइन भेज दिया। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने बताया कि शनिवार को पुलिसकर्मी घटना स्थल पर देर रात करीब एक बजकर 15 मिनट या डेढ़ बजे पहुंचे और पीड़ित को मिट्टी से सना हुआ पाया। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने अकबर के शरीर की सफाई की।

नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग पर जहां एक तरफ सरकार सख्त नजर आ रही है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के स्पेशल डीजी ने इस मामल में पुलिस की लापरवाही की बात स्वीकार कर ली है। इस मामले में असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर(एएसआई) को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही तीन कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान के स्पेशल डीजीपी एनआरके रेड्डी ने ये माना की पुलिस द्वारा उस वक्त ये फैसला लेने में लापरवाही हुई थी कि उन्हें पहले क्या करना चाहिए।

स्पेशल डीजी ने इसमें अपनी गलती स्वीकार की और कहा अगर सही समय में पुलिस ने कार्यवाही की होती तो ये घटना ना होती। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। स्पेशल डीजीपी एनआरके रेड्डी ने कहा कि मौका-ए-वारदात को देखने पर पाया गया कि अगर समय पर पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचा दिया होता तो उसकी मौत नहीं होती। इस घटना में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में भी ले लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही हैं।

जयपुर: राजस्थान के कोटा में नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार करने के मामले में स्पेशल कोर्ट ने आरोपी पिता को उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। 4 जून 2018 को पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार किया था और 4 जुलाई को पॉस्को एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी। महज 18 दिन की सुनवाई में स्पेशल जज(पॉस्को) गिरिश अग्रवाल ने हैवान पिता के खिलाफ फैसला सुनाया। स्पेशल पब्लिक प्रासिक्यूटर (एसपीपी) कमल कांत शर्मा ने बताया, 'आईपीसी और पॉस्को एक्ट के तहत फैसला सुनाया गया।'

एसपीपी मुताबिक पीड़िता की मां अपने तीन बच्चों के साथ पति से मई 2017 से अलग रहती है. उसका पति उसे रोज मारता-पीटता था। लेकिन कैथून का रहने वाले आरोपी शख्स कुछ दिन पहले अपने छोटे बेटे और बेटी को पत्नी के पास से लेकर आ गया। इसके बाद कई महीनों तक अपनी बेटी का यौन शोषण करता रहा। मामला उस वक्त सामने आया जब पीड़ित बच्ची मां से अपने ऊपर हो रहे जुर्म की कहानी सुनायी। जिसके बाद महिला ने 29 मई 2018 को पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

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