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जयपुर: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को कहा भाजपा के पास सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज करने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसके साथ ही पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए 28 प्रत्याशियों की सूची जारी की। येचुरी ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हर क्षेत्र में इनकी नीतियां और प्रदर्शन विफल रहा है और लोगों में भारी नाराजगी तथा गुस्सा है। ऐसे में उनके पास सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के अलावा कोई चारा नहीं है।'’

उन्होंने राममंदिर व शहरों के नाम बदलने को भाजपा की वोट बैंक राजनीति का ही नमूना बताया और कहा कि चुनाव पास आते ही राममंदिर की बात शुरू हो गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक राजनीति के तहत भाजपा हिंदूवादी वोटों का ध्रुवीकरण करके देश में नफरत व हिंसा का माहौल पहले ही बना चुकी है जिसे वह चुनाव पास आने पर और बिगाड़ेगी। उन्होंने इसे देश, व देशवासियों की सुरक्षा के लिए खतरा व चुनौती करार दिया। येचुरी ने गठबंधन संबंधी एक सवाल पर कहा कि राज्य में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के लिए पार्टी सहयोग करेगी।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने काफी इंतजार और मंथन के बाद देर रात राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 152 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इस सूची में पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नाम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत अपनी वर्तमान एवं परंपरागत सीट सरदारपुरा से चुनाव लड़ेंगे। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे पायलट टोंक से किस्मत आजमाएंगे। पूर्व केंद्रीय सीपी जोशी नाथद्वारा से, रामेश्वर डूडी नोखा से और गिरिजा व्यास उदयपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगी।

केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इस सूची को मंजूरी दी गई। राजस्थान के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए पिछले कुछ दिनों के भीतर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति और राज्य की राजनीतिक गतिविधियों से संबंधित नेताओं की कई दौर की बैठकें हुईं। टिकट के आकांक्षी कांग्रेस के कई स्थानीय नेता पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। गौरतलब है कि गत बुधवार को गहलोत ने यह घोषणा करके राज्य एवं पार्टी के भीतर की राजनीतिक हलचल तेज कर दी थी कि वह और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट तथा राज्य इकाई के अन्य वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ेंगे।

जयपुर: राजस्थान भाजपा में बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के विरोध में भाजपा विधायक एवं पूर्व विधायक तथा कई मंडल अध्यक्षों ने बगावत करते हुए पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। डूंगरगढ़ से भाजपा विधायक किसनाराम नाई ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ने के साथ भारत वाहिनी पार्टी से चुनाव लड़ने का घोषणा की है। इसी तरह पूर्व विधायक अशोक नागपाल ने सूरतगढ़ से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिय है। नागपाल श्रीगंगानगर से चुनाव लड़ेंगे।

बांसवाड़ा से पंचायती राज मंत्री धनसिंह रावत को टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कई मंडल अध्यक्षों ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। इसी तरह जहाजपुर में शिवजी राम मीणा को टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों ने भीलवाड़ा में पार्टी कायार्लय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही दौसा से भाजपा सांसद हरीश मीणा कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

जयपुर: राजस्थान में भाजपा ने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले अपने विधायक ज्ञानदेव आहूजा को इस बार टिकट नहीं दी है जबकि हाल ही में पार्टी में आए चार लोगों को प्रत्याशी बनाया गया है जिनमें अभिनेष महर्षि तथा गुरदीप शाहपीणी शामिल हैं। प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने 31 प्रत्याशियों की दूसरी सूची बुधवार को जारी की। इसमें उसने 14 मौजूदा विधायकों और तीन मंत्रियों को टिकट नहीं दिया है। टिकट से वंचित मंत्रियों में बाबूलाल वर्मा, धन सिंह रावत और राजकुमार रिणवा शामिल हैं। पार्टी की इस सूची में एक बार फिर कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है।

हालांकि उसने अपने हिंदू चेहरा माने जाने वाले ज्ञानदेव आहूजा (रामगढ़) को भी टिकट नहीं दी है। कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताने वाले राज्यमंत्री धन सिंह रावत (बांसवाड़ा) को भी प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। वसुंधरा राजे सरकार के जिस प्रमुख मंत्री की टिकट को लेकर अब भी संशय कायम है वह हैं नागौर से युनुस खान। पार्टी ने इस सीट से अभी प्रत्याशी की घोषणा दूसरी सूची में भी नहीं की है। इसी तरह जयपुर राजघराने से जुड़़ी दिया कुमारी (सवाईमाधोपुर) के टिकट पर भी संशय बना हुआ है।

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