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जयपुर: राजस्थान में कोविड-19 के 64 नये मामले आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर बुधवार सुबह 1,799 हो गयी है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह नौ बजे तक 64 नये मामले सामने आए, जिनमें अजमेर से 44, कोटा व टोंक से छह-छह, जयपुर से चार, जोधपुर से तीन व भरतपुर का एक मामला है।

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिक और 61 वे लोग हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।

जयपुर (जनादेश ब्यूरो): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबलीग़ी जमात के मरकज के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाने, बदनाम करने की नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब देश कोविड-19 से लड़ रहा है, तो यह समय इसके लिए उपयुक्त नहीं है। अशोक गहलोत ने सवाल किया कि आखिर दिल्ली में जमात को मरकज करने की अनुमति किसने दी? उन्होंने कहा कि जिसने भी नियम-कानून तोड़ा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इस तरह से किसी समुदाय को बदनाम करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में मुद्दा बनाया जा रहा है। गहलोत ने मांग कि इस मामले में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जानी चाहिए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

सुरजेवाला का सवाल- आखिर कहां है मौलाना साद?

उधर, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र के सरकार ने तबलीग़ी जमात को मरकज की अनुमति नहीं दी। दिल्ली में अनुमति दी गई। यहां दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है।

भरतपुर/जयपुर: राजस्थान के भरतपुर में एक गर्भवती महिला को सरकारी अस्पताल में भर्ती होने से धर्म के आधार पर मना कर दिए जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहे हैं। भरतपुर के जनाना अस्पताल पर आरोप लगे हैं कि हॉस्पिटल स्टाफ ने एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इस वजह से मना कर दिया क्योंकि वह मुस्लिम थी। इसके बाद महिला ने रास्ते में बच्चे को जन्म दिया, मगर उसकी मौत हो गई।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, भरतपुर के जनाना अस्पताल में धर्म का हवाला देकर मुस्लिम गर्भवति महिला की भर्ती नहीं की गई। यह आरोप महिला के पति ने लगाया है। पति का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ ने हमें जयपुर अस्पताल रेफर कर दिया, क्योंकि हम मुस्लिम हैं। हम भरतपुर क्रॉस भी नहीं किए थे कि रास्ते में ही पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया, मगर बच्चा बच नहीं पाया और वह मर गया।' यह घटना सामने आने के बाद अस्पताल ने जांच के आदेश दिए हैं।

जयपुर: भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ते जा रहा है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गुरुवार को कोरोना वायरस पॉजिटिव और अन्य बीमारियों से ग्रस्त 73 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को जयपुर और झुंझुनू में कोविड-19 पॉजिटिव के एक-एक मरीज पाए गए हैं। दोनों मरीज पश्चिम एशिया की यात्रा कर चुके हैं। कोरोना वायरस पॉजिटिव के दो नये मरीजों के सामने आने के बाद राज्य में इस बीमारी के मामले 40 पहुंच गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि किडनी और मधुमेह की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों ने उसे कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि मरीज की मौत हो गई है लेकिन भीलवाड़ा में कोरोना वायरस फैलने से पहले मरीज किडनी और मधुमेह का गंभीर मरीज था और वह किडनी फेल हो जाने के कारण कोमा में था।

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