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जयपुर: राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक और मध्‍य प्रदेश की तर्ज पर राजस्‍थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्‍होंने इस संबंध में राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख को पत्र लिखा है। पत्र में हालांकि भाजपा के नाम का जिक्र नहीं है लेकिन इशारा इसी पार्टी की ओर है। महेश जोशी के पत्र में कहा गया है, 'हमारे विधायकों और उन निर्दलीय उम्मीदवारों, जिन्‍होंने हमें समर्थन दिया है, को धन शक्ति के साथ लुभाने की कोशिश की जा रही है।'

पत्र के अनुसार, यह सब लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है और एंटी करप्‍शन ब्‍यूरों को इसकी जांच करनी चाहिए। एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने मुख्‍य सचेतक महेश जोशी की ओर से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा,'' शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी।''

गौरतलब है कि यह पत्र ऐसे समय सामने आया है जब राज्‍यसभा चुनावों के लिए 19 जून को मतदान होना है। राजस्‍थान में तीन राज्‍यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है, जिसमें से दो कांग्रेस और एक भाजपा के पक्ष में जाने की उम्‍मीद है।

जयपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अन्य राज्यों के साथ अपनी सीमाएं बुधवार को फिर सील कर दीं। अब राजस्थान में आने व बाहर जाने के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एमएल लाठर ने इस बारे में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय आवागमन को नियंत्रित करने का फैसला किया है।

इसमें संबंद्ध पुलिस आयुक्तों, रेंज महानिरीक्षकों व जिला पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि पड़ोसी राज्यों से लगने वाले सड़क मार्गों व रास्तों पर तत्काल पुलिस चेेक पोस्ट स्थापित किए जाएं और अन्य राज्यों से व्यक्तियों को बिना अनुमति पत्र के नहीं आने दिया जाए। इस व्यवस्था के तहत बाहरी राज्य से उसी व्यक्ति को आने दिया जाएगा जिसने अपने राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया हो। इसी तरह राज्य से बाहर जाने के लिए भी सक्षम अधिकारी से पास या अनुमति पत्र लेना होगा। इसमें कहा गया है कि सक्षम अधिकारी इलाज के लिए जाने या परिवार में किसी की मृत्यु होने जैसी आपात परिस्थितियों में ही पास जारी करें।

जयपुर: राजस्थान के बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों में जासूसी के एक मामले में दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार (8 जून) को यह जानकारी दी। राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने श्रीगंगानगर जिले में सेना आयुध डिपो के सिविल डिफेंस स्टाफ 29 वर्षीय विकास कुमार और बीकानेर में सेना के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएमएफआर) के एक संविदा कर्मचारी (सिविल कॉन्ट्रेक्ट) के रूप में पर काम कर रहे 22 साल के चिमन लाल को गिरफ्तार किया है। ये दोनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के जासूसी एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। दोनों संदिग्धों पर बीते कई दिन से नजर रखी जा रही थी।

राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने लखनऊ के मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) द्वारा दिए गए खुफिया इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की। खुफिया विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा, "दोनों आरोपियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा करते हुए पाया गया।

जयपुर: भाजपा और कांग्रेस के बीच बसों को लेकर हो रही राजनीति बढ़ती ही जा रही है। दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को एक हजार बसें देने वाले प्रस्ताव को लेकर शुरू हुई राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।  अब इस राजनीति में राजस्थान सरकार भी कूद पड़ी है। दरअसल, राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल भेजा है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने का है।

भाजपा राजस्थान सरकार की इस हरकत के बाद कांग्रेस को लेकर और अधिक हमलावर हो गई है।  राजस्थान सरकार ने ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा है, जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से उत्तर प्रदेश भेजा गया था। दरअसल, यूपी सरकार ने कोटा में फंसे राज्य के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजी थी, लेकिन छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने अपनी कुछ बसों से छात्रों को घर पहुंचाया। इसके लिए राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 36,36,664 रुपये का बिल भेजा है।

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