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जयपुर: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पूरी तरह से केंद्रीय सूची का विषय है और सभी राज्यों को इसे लागू करना ही पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा ज्ञान की परंपरा है। यहां एक कार्यक्रम में आए खान से जब अनेक राज्य सरकारों द्वारा सीएए का विरोध किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘सीएए खालिस और खालिस केंद्रीय सूची का विषय है, ये राज्य सूची का विषय नहीं है। हम सभी को अपने अधिकार क्षेत्र को पहचानने की जरूरत है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या विरोध कर रही राज्य सरकारें इसे लागू करेंगी, उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कोई चारा नहीं है, उन्हें लागू करना ही पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोग किसी भी विषय पर अपनी अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है। बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए, हमें अपनी राय देने का अधिकार है, अपनी राय पर अड़े रहने का अधिकार है, अपनी बात के लिए विरोध करने का भी अधिकार है लेकिन यह अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाएं तोड़ें।’’

नई दिल्ली: कोलकाता और प्रयागराज के बाद अब संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ कोटा में भी दिल्ली के शाहीन बाग जैसा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कोटा में अलग-अलग इलाकों की कई सौ महिलाओं ने ईदगाह मैदान के बाहर सीएए के खिलाफ मंगलवार रात से विरोध प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शन में शामिल एक महिला शिफा खालिद ने कहा कि जब देशभर में महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, तो आखिरकार कोटा की महिलाएं पीछे क्यों रहतीं? यह नया कानून संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, 'हम अनिश्चितकाल के लिए बैठे हैं। कोटा में महिलाओं का प्रदर्शन शाहीन बाग के प्रदर्शन से प्रेरित है।' खालिद ने कहा कि महिलाओं को पड़ोस से खाना और कंबल मिल रहा है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं आयोजन स्थल के करीब किशोरपुरा इलाके की हैं। विज्ञान नगर, वक्फ नगर और किशोरपुरा जैसे इलाकों के सभी आयु वर्ग की महिलाएं मंगलवार रात से ही प्रदर्शन के लिए बैठी हैं। 75 वर्षीय मकबूल ने कहा कि मैं धरने पर इसलिए बैठी हूं क्योंकि सरकार नागरिकता साबित करने लिए डॉक्यूमेंट्स चाहती है।

जयपुर: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां संशोधित नागरिकता कानून पर घर-घर जनजागरण अभियान शुरू करते हुए विपक्षी दलों पर सीएए को लेकर लोगों में गलतफहमी फैलाने का आरोप लगाया। जयपुर पहुंचीं सीतारमण ने सांगानेर इलाके के कागजी मोहल्ले में खुदाबक्श चौक पर एक मुस्लिम परिवार के घर जा कर सीएए के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) किसी की भी नागरिकता लेने के लिये नहीं है बल्कि यह कानून नागरिकता देगा।

सीतारमण ने कहा ‘‘विपक्ष को और कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है इसलिये वह गलतफहमी फैला रहा है, जो गलत है। सीएए को विपक्ष राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर या राष्ट्रीय नागरिकता पंजी से जोड़कर लोगों में गलतफहमी फैला रहा है और हमें इस गहलफहमी को दूर करना है।’’ कागजी मोहल्ले में जनजागरण अभियान के शुभारंभ के बाद, इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री पास की लक्ष्मी कॉलोनी पहुंचीं। सीतारमण के साथ जयपुर सांसद रामचरण बोहरा और भाजपा के अन्य नेता भी मौजूद थे।

नई दिल्ली: राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोटा में बच्चों की मौत पर कहा कि- मुझे लगता है कि इस पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक संवेदनशील हो सकती थी। 13 महीने तक सत्ता में रहने के बाद मुझे लगता है कि इसके लिए पिछली सरकार को दोष देने का कोई मतलब नहीं है। जवाबदेही तय होनी चाहिए। गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम 8 और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही आज अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकडा बढ़कर 107 तक पहुंच गया है।

पिछले 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं। हालांकि अब बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाई है और विशेषज्ञों की टीम कोटा भेजने का फैसला लिया है। केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल कोटा पहुंचेगा। केन्द्र सरकार ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन भी दिया है।

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