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नई दिल्ली: राजस्थान का सियासी घमासान हर पल नया मोड़ ले रहा है। तमाम अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए सचिन पाय़लट ने साफ कर दिया कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि सचिन पायलट कल दिल्ली पहुंचे थे। उसी के बात से कहा जा रहा है कि राजस्थान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सूत्रों ने दावा किया था सचिन पायलट के पास कई विधायकों का समर्थन है और वह भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। इसके बाद से ही कयासों का दौर तेज हो चला था। जिस पर खुद सचिन पायलट ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। 

उधर कांग्रेस लगातार अपनी किलेबंदी को मजबूत कर रही है। आज कांग्रेस ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार इस बैठक में सचिन पायलट शामिल नहीं होंगे। दिल्ली से कांग्रेस के कई बड़े नेता जयपुर पहुंच चुके हैं और विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत से नाराज है क्योंकि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।

नई दिल्ली: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरुनी कलह के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया और दावा किया कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को विधायक दल की बैठक में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की सरकार बहुमत में है तथा विधायकों की मीडिया के सामने परेड भी कराई जाएगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है, ''पायलट को यह संदेश भिजवाया गया था कि वह एक संक्षिप्त बयान जारी करें कि उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में पूरी आस्था है तथा वो जो भी फैसला करेंगे वह उन्हें स्वीकार होगा।

उन्होंने कहा, ''देर रात पायलट की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पायलट की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। जानकारी के अनुसार सचिन पायलट पार्टी आलाकमान के साथ मीटिंग करेंगे। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल भाजपा पर आरोप लगाए थे कि राजस्थान की सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूरे मामले के बारे में बताया जा चुका है। पार्टी के एक सीनियर लीडर ने कहा कि हम तैयार हैं और मध्य प्रदेश जैसी स्थिति दोहराने नहीं देंगे। वहीं सोनिया गांधी ने इस मामले को संज्ञान लिया है।

एसओजी की जांच में 3 निर्दलीय विधायकों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पहुंचने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट दिल्ली में हैं और आलाकमान से मिलकर इस मामले का निपटारा चाहते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि कितने विधायक सचिन पायलट के समर्थन में दिल्ली पहुंचे हैं। लेकिन शनिवार को तीन विधायक सचिन पायलट से मुलाकात करने जयपुर पहुंचे थे।

जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों के आरोप के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर बड़ा निशाना साधा है। गहलोत ने शनिवार को आरोप लगया कि भाजपा राजनीति कर रही है और मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने आरोपों में कहा कि विधायकों को अपनी निष्ठा बदलने के लिए 10 से 15 करोड़ रुपये तक की पेशकश की जा रही है। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि पूरा देश जाने की भाजपा अब अपनी सारी सीमाएं पार कर रही है। वह मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।"

गहलोत ने कहा, "हम विधायकों को पाला बदलने के लिए ऑफर देने की बात सुनते रहे हैं। कुछ लोगों को 15 करोड़ रुपये तक देने का वादा किया गया है और कुछ को अन्य लोभ देने की बात कही गई है। यह लगातार हो रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "हम कोरोना वायरस से लड़ने पर ध्यान दे रहे हैं और भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। वाजपेयी जी के समय में ऐसा नहीं था, लेकिन 2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है।"

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