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जयपुर (जनादेश ब्यूरो): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबलीग़ी जमात के मरकज के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाने, बदनाम करने की नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब देश कोविड-19 से लड़ रहा है, तो यह समय इसके लिए उपयुक्त नहीं है। अशोक गहलोत ने सवाल किया कि आखिर दिल्ली में जमात को मरकज करने की अनुमति किसने दी? उन्होंने कहा कि जिसने भी नियम-कानून तोड़ा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इस तरह से किसी समुदाय को बदनाम करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में मुद्दा बनाया जा रहा है। गहलोत ने मांग कि इस मामले में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जानी चाहिए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

सुरजेवाला का सवाल- आखिर कहां है मौलाना साद?

उधर, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र के सरकार ने तबलीग़ी जमात को मरकज की अनुमति नहीं दी। दिल्ली में अनुमति दी गई। यहां दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है।

सुरजेवाला ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री के कहने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रात 2.30 बजे निजामुद्दीन मरकज की बिल्डिंग में गए। एक मौलाना से बात की? आखिर क्या बात की? आखिर गृहमंत्री ने उन्हें रात में क्यों भेजा? मौलाना इसके बाद से फरार हैं? इन सबकी जांच होनी चाहिए और सरकार को जवाब देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिसने भी नियमों की अवहेलना की है, उसके खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन सरकार इन सवालों का भी जवाब दे। वह बताए कि 16 मार्च से जब मरकज हुआ, तो वह उस समय सरकार क्या कर रही थी?

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