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जयपुर: देश में जारी कोरोना संकट के बीच संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार पार कर गया है। इस बीच राज्यस्थान के जोधपुर से बीएसएफ के 30 जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर आई है। बता दें कि ये जवान दिल्ली में तैनात थे और उन्हें जोधपुर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। एम्स से इनकी रिपोर्ट आई है. स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है। बीएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार, ये सभी जवान बीएसएफ की एक कंपनी का हिस्सा थे, जिसमें 65 जवान शामिल थे, जिन्हें आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर जयपुर से दिल्ली भेजा गया था और राष्ट्रीय राजधानी में जामा मस्जिद में तैनात किया गया था।

गौरतलब है कि दिल्ली में तैनात कंपनी के कुछ जवान कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे। इसके बाद पूरी कंपनी को सोमवार को विमान से जोधपुर ले जाया गया और बीएसएफ के अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) में पृथक-वास में रखा गया। बीएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘जोधपुर पहुंचने के बाद उनके नमूने मंगलवार को लिए गए थे और उन्हें एम्स में जांच के लिए भेजा गया था। एम्स ने बुधवार सुबह रिपोर्ट जारी की, जिसमें इन जवानों को संक्रमित पाया गया।'

जयपुर: राजस्थान के सांगोद क्षेत्र से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वह लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की दुकानों को फिर से खोलने का आदेश दें। अपने पत्र में कांग्रेस विधायक ने चिंता जाहिर की है कि शराब की दुकानों के न खुलने से अवैध शराब का धंधा और बिक्री बढ़ रही है।  विधायक ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि शराब की दुकानों के न खुलने से राज्य की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है और इस कारण राज्यभर में अवैध देशी शराब को बनाया और बेचा जा रहा है। 

सिंह ने कहा कि जब शराब से हाथ धोने से कोविड-19 वायरस साफ हो सकता है तो शराब पीने से निश्चित रूप से गले से वायरस भी साफ हो जाएगा। इसलिए सरकार को शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बाजार में शराब की मांग अधिक है, इसलिए पीने वाले इसका स्वागत कर रहे हैं। शराब की बिक्री न होने से सरकार को हानि हो रही है, वहीं पीने वालों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है। 

जयपुर: केन्द्र सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन जारी करते हुए मंगलवार को उन लोगों को राहत दी गई है जो छात्र, प्रवासी और पर्यटक दूसरे राज्यो में कोरोना लॉकडाउन के चलते हुए फंसे हुए हैं। इसके लिए राज्यों के बीच बसों को चलाने का अनुमति दी गई है। लेकिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र से विशेष ट्रेन चलाने की मांग करते हुए पीएम मोदी से आग्रह किया है कि लाखों प्रवासियों और एवं श्रमिकों को सुरक्षित लाना बस से संभव नहीं है।

गहलोत ने कहा कि आने वाले समय में और भी श्रमिक अपना पंजीयन करा सकते हैं। ऐसे में कामगारों की इतनी बड़ी संख्या तथा लंबी दूरी को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाना कामगारों के सुरक्षित घर लौटने का व्यावहारिक समाधान होगा। हालांकि, गहलोत ने गृह मंत्रालय की तरफ से अंतरराज्यीय श्रमिकों और प्रवासियों के आवागमन के बारे में बुधवार को जारी आदेश का स्वागत किया है।

जयपुर: कोरोना लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन में समय बिताना अधिकतर लोगों के लिए आसान नहीं होता और कुछ के लिए यह मुसीबत की तरह है। क्वारंटाइन के दौरान देश के कई हिस्सों से लोगों के क्वारंटाइन सेंटर से भागने की खबर आई तो कुछ लोग क्वारंटाइन होने के डर से एयरपोर्ट पर किसी तरह निकल आए तो किसी ने अस्पताल से ही छलांग लगा दी। लेकिन, राजस्थान के सीकर में प्रवासी मजदूरों ने क्वारंटाइन के दौरान जो नजीर पेश की वह तारीफ के योग्य है। इन लोगों ने बिना किसी चार्ज के क्वारंटाइन के दौरान स्कूल को पेंट कर दिया।

पलसाना कस्बे के शहीद सीताराम कुमावत और सेठ केएल ताम्बी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं। ये सभी लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और इनका क्वारंटाइन टाइम भी पूरा हो गया है। केन्द्र में ठहरे मजदूरों ने बताया कि क्वारंटाइन के दौरान सरपंच और गांव के दानदाताओं ने उनके रहने के लिए बहुत ही बढ़िया व्यवस्था की थी। वे इस व्यवस्था से इतना खुश थे कि बदले में गांव के लिए कुछ करना चाहते थे और इसी सोच में उन्होंने स्कूल के रंग रोगन का काम शुरू कर दिया।

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